पैरेंट्स अपने बच्चों के सामने कभी न करें ये काम, गलत चीजें सीख सकते हैं नन्हे-मुन्ने
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पैरेंट्स अपने बच्चों के सामने कभी न करें ये काम, गलत चीजें सीख सकते हैं नन्हे-मुन्ने

पैरेंट्स अपने बच्चे के लिए लाइफ के पहले टीचर होते हैं, आपने अपनी जिंदगी में पहले कुछ भी किया हो, लेकिन चाइल्ड बर्थ के बाद खुद के बिहेवियर में पॉजिटिव चेंजेज लाना बेहद जरूरी है. 

पैरेंट्स अपने बच्चों के सामने कभी न करें ये काम, गलत चीजें सीख सकते हैं नन्हे-मुन्ने

Parents Should Avoid Such Behaviour In Front Of Children: बच्चे माता-पिता को अपने पहले रोल मॉडल के तौर पर देखते हैं और उनसे बहुत कुछ सीखते हैं. वो जो कुछ भी अपने पैरेंट्स को करते हुए देखते हैं, उसे वो जल्दी से फॉलो करने लगते हैं. इसलिए ये बेहद जरूरी है कि मां-बाप अपने बच्चों के सामने सोच-समझकर बिहेव करें. आपके कुछ ऐसी आदतें और काम होते हैं, जिन्हें लाडले और लाडलियों के सामने करना उन्हें गलत दिशा में ले जा सकता है. आइए जानते हैं कि वो कौन-कौन से काम हैं जो पैरेंट्स को अपने छोटे बच्चों के सामने कभी नहीं करनी चाहिए.

बच्चे के सामने ऐसा बिहेव न करें

1. गुस्सा और चिल्लाना

अगर आप बार-बार अपने गुस्से को अपने बच्चों के सामने जाहिर करते हैं या छोटी-छोटी बातों पर चिल्लाते हैं, तो बच्चे इसे सामान्य व्यवहार मान सकते हैं. इससे वो भी अपनी समस्याओं का सामना करते समय एंग्री बिहेवियर दिखाना शुरू कर सकते हैं. बच्चों के सामने धैर्य और शांति का परिचय देना जरूरी है ताकि वे सही तरीके से अपने इमोशन को कंट्रोल करना सीखें. मसलन पति या पत्नी जब एक दूसरे पर हद से ज्यादा चिल्लाएंगे तो बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.

2. गाली गलौज करना

छोटे बच्चे बहुत ही जल्दी नई बातें सीखते हैं. अगर आप उनके सामने गाली गलौज करते हैं या किसी के प्रति नकारात्मक भाषा का इस्तेमाल करते हैं, तो वे भी इसे अपना सकते हैं. इसलिए अपने शब्दों का चयन करते समय ध्यान रखें और सही अल्फाज का ही इस्तेमाल करें।

3. झगड़ा और बहस

पति-पत्नी के बीच झगड़े और बहस अगर बच्चों के सामने होते हैं, तो इसका बच्चों पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ सकता है. वो रिश्तों में टकराव और भरोसे की कमी को नॉर्मल मान सकते हैं। यह उनके मानसिक और भावनात्मक विकास में बाधा डाल सकता है। बेहतर है कि किसी भी मुद्दे पर चर्चा बच्चों के सामने न करें।

4. अनुशासनहीनता

अगर आप अनुशासनहीनता दिखाते हैं, जैसे कि समय का पालन नहीं करना, बेमतलब का टीवी देखना, या अनहेल्दी आदतें अपनाना, तो बच्चे इसे आदर्श मान सकते हैं. बच्चों के लिए पैरेंट्स का डिसिप्लिन्ड होना जरूरी है ताकि वोभी नियमित और सही आदतें विकसित कर सकें. अगर आप खुद सुबह देर से जागते हैं तो बच्चों से उम्मीद नहीं की जा सकती कि वो भी वक्त पर उठें.

5. झूठ बोलना

अगर आप बच्चों के सामने झूठ बोलते हैं, भले ही वो किसी भी मकसद से हो, बच्चे यह समझ सकते हैं कि झूठ बोलना नॉर्मल है. इससे वे अपनी जिंदगी में ईमानदारी की अहमियत नहीं समझ पाएंगे. इसलिए हमेशा ईमानदार और सच्चा व्यवहार करें. जब बच्चे मां-बाप को फोन पर किसी रिश्तेदार से झूठ बोलते हुए पाते हैं तो वो आसानी से इसे फॉलो कर सकते हैं.

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