नई दिल्लीः फ्रांस से आने वाले फाइटर जेट रफाल (rafale) का स्वागत करने के लिए वायुसेना तैयार है. रफाल की पहली खेप सोमवार (27 जुलाई) को फ्रांस से रवाना हुई और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अल दफ्रा एयरबेस पर पहुंच गई है. विमानों को फ्रांस से यूएई (UAE) पहुंचने में सात घंटों का वक्त लगा. ये विमान अल दफ्रा एयरबेस (Al Dhafra Air Base) से उड़ान भर बुधवार (29 जुलाई) को भारत के अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे. अल दफ्रा एयरबेस अबू धाबी से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. विमानों की लैंडिंग के दौरान वायुसेना चीफ आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria) भी अंबाला में मौजूद रहेंगे. 


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भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट 7000 किलोमीटर की हवाई दूरी तय कर अंबाला एयरबेस पहुंच रहे हैं. विमानों को 17 गोल्डेन एरोज कमांडिंग ऑफिसर के पायलट लेकर आ रहे हैं. सभी पायलटों को फ्रांसीसी द सॉल्ट एविएशन कंपनी ने ट्रेनिंग दी है. रफाल से भारतीय वायुसेना की मौजूदा ताकत में जबरदस्त फायदा होगा क्योंकि पांचवी जेनरेशन के इस लड़ाकू जेट की मारक क्षमता जैसा लड़ाकू विमान न तो चीन के पास है और ही पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पास है.


पांचों रफाल विमानों में संयुक्त अरब अमीरात के एयरबेस पर फ्रांस के टैंकरों से ईंधन भरा जा रहा है. इसके बाद विमान अंबाला एयरबेस के लिए आगे का सफर तय करेंगे.


बता दें कि रफाल  एयरक्राफ्ट के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर 29 जुलाई के आगमन को देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिगत जिलाधीश अशोक कुमार शर्मा ने भारतीय दंड संहित 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए गए हैं. 


अंबाला प्रशासन की ओर से जारी किए गये आदेशों के तहत एयरफोर्स स्टेशन के नजदीक लगते स्थानों धूलकोट, बलदेव नगर, गरनाला, पंजोखरा इत्यादि स्थानों से ऐयरफोर्स स्टेशन की किसी भी प्रकार की तस्वीर लेने पर बैन लगाया गया है. यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गये हैं. उन्होंने कहा कि एयरफोर्स के आस-पास असामाजिक तत्वों की आवाजाही और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से यह जरूरी है.


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