IIT रूड़की ने खराब प्रदर्शन करने पर 73 छात्रों को निष्कासित किया
आईआईटी रूड़की ने बीटेक प्रथम वर्ष में खराब प्रदर्शन करने वाले 73 छात्रों को निष्कासित कर दिया है। आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रदीप्त बनर्जी का कहना है कि दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में पांच से भी कम क्यूमेलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) अंक पाने वाले छात्रों को संस्थान से निष्कासित कर दिया गया है। फैसला 100 से भी ज्यादा प्रोफेसरों की सीनेट ने लिया है।
नई दिल्ली/देहरादून : आईआईटी रूड़की ने बीटेक प्रथम वर्ष में खराब प्रदर्शन करने वाले 73 छात्रों को निष्कासित कर दिया है। आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रदीप्त बनर्जी का कहना है कि दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में पांच से भी कम क्यूमेलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) अंक पाने वाले छात्रों को संस्थान से निष्कासित कर दिया गया है। फैसला 100 से भी ज्यादा प्रोफेसरों की सीनेट ने लिया है।
उन्होंने बताया कि मुद्दे के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद सीनेट में बुधवार को यह फैसला लिया। परिसर में शिक्षा का स्तर बनाए रखने के लिहाज से संस्थान ने पिछले वर्ष नियम बनाया था कि लगातार दो सेमेस्टर में पांच सीजीपीए से कम अंक पाने वाले छात्रों को निष्कासित कर दिया जाएगा। जब 73 छात्र दो सेमेस्टर में पांच सीजीपीए से कम अंक पाने वाले निकले तो उन्हें संस्थान से निष्कासन का नोटिस जारी कर दिया गया।
बनर्जी ने बताया कि नोटिस जारी होने के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों ने आईआईटी प्राधिकार से संपर्क कर इसपर पुन:विचार करने को कहा। हालांकि मुद्दे पर मैराथन बैठक के बाद सीनेट ने बुधवार देर रात इन्हें निष्कासित करने का फैसला लिया। आईआईटी रूड़की के अधिकारियों का कहना है कि दाखिले के दौरान अभिभावकों ने एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया था कि प्रदर्शन खराब रहने पर छात्रों को संस्थान से निकाला भी जा सकता है। संस्थान ने मई में छात्रों को इस संबंध में चेतावनी भी दी थी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनका कहना है कि आईआईटी स्वायत संस्थान है और अपने नियमों से संचालित होते हैं।
मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह छात्रों का निकाला जाना, (हालांकि इस मामले में संख्या ज्यादा है) कोई निराली घटना नहीं है और इससे पहले आईआईटी कानपुर तथा आईआईटी खड़गपुर में हो चुकी हैं।