नई दिल्ली: असम (Assam) की 126 विधानसभा सीटों के लिए अंतिम चरण की वोटिंग 6 अप्रैल को होगी. असम के सियासी मैदान में जारी जुबानी जंग के बीच शनिवार को तामुलपुर (Tamulpur) की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानवीय स्वरूप देखने को मिला. यहां पर आयोजित एक जनसभा संबोधित करने के दौरान पीएम की नजर रैली में आए उस शख्स की ओर गई जिसकी वहां पर अचानक से तबीयत बिगड़ गई थी. फौरन पीएम ने अपना भाषण बीच में रोकते हुए अपने साथ वहां मौजूद डॉक्टर्स और मेडिकल टीम को उस शख्स का इलाज करने को कहा.


मेडिकल टीम को निर्देश


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पीएम ने मंच से कहा, 'उस सज्जन को पानी की कमी के चलते लगता है कोई दिकक्त हो गई है. मेरे साथ आई मेडिकल टीम के डॉक्टर उस शख्स को देखें कि उसे क्या परेशानी हुई है. उसकी मदद करें.' इसके बाद ही पीएम ने अपना भाषण दोबारा शुरू किया.  


फर्स्ट टाइम वोटर से अपील


पीएम मोदी ने कहा कि विकास में भेदभाव हमारा सिद्धांत नहीं है. हम लोग राष्ट्रनीति के लिए जीने वाले लोग हैं. पीएम ने संबोधन के दौरान कहा, 'मेरा उन युवा साथियों से विशेष आग्रह है जो पहली बार वोट डालने जा रहे हैं. देश की आजादी के 75वें वर्ष का पर्व मनाते हुए आप जो वोट डालेंगे, वो इस बात को भी तय करेगा कि जब हम आजादी के 100 वर्ष मनाएंगे, तो असम कितना आगे होगा.'


पीएम ने कहा मैं माताओं-बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि आपके बेटे के सपने पूरे करने के लिए हम लगे रहेंगे. वहीं बोडो समझौते का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, 'आपके बच्चों को बंदूक न उठानी पड़े, उन्हें जंगल में जिंदगी न गुजारनी पड़े, उन्हें किसी की गोली का शिकार न बनना पड़े, इसके लिए एनडीए (NDA) सरकार प्रतिबद्ध है.'


कांग्रेस- AIUDF महाजोत पर निशाना


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके पहले जब असम में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस-एआईयूडीएफ 'महाजोत' (महागठबंधन) से सावधान रहें क्योंकि यह 'महाझूठ' है. पहले की चुनावी रैली में उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा. 'प्रदेश में विपक्षी दल के पास आदर्श या योग्य नेता नहीं हैं. कांग्रेस के पास न नेता है न नीति, सिर्फ महाझूठ है.'


दो चरण के चुनाव में कांग्रेस महाजोट को हराने का दावा कर रही बीजेपी (BJP) के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) , राष्ट्रीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) जैसे बड़े कद्दावर नेताओं ने चुनाव- प्रचार का मोर्चा संभाल रखा है. गौरतलब है कि असम में पहले चरण में 27 मार्च, जबकि दूसरे चरण में 1 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है. यहां CAA एक बड़ा मुद्दा विपक्ष इसके खिलाफ है, जबकि बीजेपी इसे लागू करने का ऐलान कर चुकी है.


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