नई दिल्ली : सरकार के 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल विमानों को खरीदने को लेकर बढ़ते विवाद के बीच ग्वालियर और आगरा में भारतीय वायुसेना के साथ तीन राफेल लड़ाकू विमानों को अभ्यास में शामिल किया गया है. लगभग 100 फ्रेंच एविएटर, एक एटलस ए-400 एम सैन्य परिवहन विमान, एक सी-35 रिफ्यूलिंग विमान और एक एयरबस ए-310 कार्गो विमान को राफेल विमानों के साथ चार दिन के लिए भारत लाया गया है.


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जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायु सेना के पायलटों के एक बैच को राफेल विमानों पर प्रशिक्षण हासिल करने का अवसर मिला है. विमान इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम और सिंगापुर जाने के बाद शनिवार को भारत पहुंचा.


भारत ने 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौता किया था. जेट विमानों की डिलीवरी सितंबर 2019 से शुरू होने वाली है. 


कांग्रेस ने विमान की कथित रूप से बढ़ी हुई दर सहित सौदे के बारे में कई सवाल उठाए हैं लेकिन सरकार ने आरोपों को खारिज कर दिया है. एक बयान में, फ्रांसीसी दूतावास ने कहा कि फ्रांसीसी और भारतीय वायु सेनाओं के बीच संयुक्त उड़ानें और आदान-प्रदान फ्रांसीसी दल के चार दिवसीय दौरे के हिस्से के रूप में आयोजित किए जाएंगे.


बयान में कहा गया है कि भारत में यह मिशन भारत-फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी की प्रगाढ़ता और हमारे सशस्त्र बलों के बीच संबंधों में व्याप्त भरोसे का एक और उदाहरण है. दोनों देश इस साल अपनी रणनीतिक साझेदारी की 20वीं सालगिरह मना रहे हैं. यह कहा गया है कि 'मिशन पीईजीएएसई' का उद्देश्य रणनीतिक हित के क्षेत्र में फ्रांस की उपस्थिति को मजबूत करना है और अपने मुख्य साझेदार देशों के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाना है.


फ्रांसीसी दल हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित एक बहुपक्षीय हवाई अभ्यास, 'ऑपरेशन पिच ब्लैक' में भाग लेने के कुछ दिन बाद यहां आया है. भारतीय वायुसेना भी बड़े अभ्यास का हिस्सा थी.


भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राफेल विमानों के साथ-साथ अन्य विमानों के आने से दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा. 


(इनपुट भाषा से)