Supreme Court on Christians: देश में ईसाइयों को टारगेट कर किए जा रहे हमले के आरोपों की याचिका पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया है. केंद्र ने कहा कि देश में ईसाइयों के उत्पीड़न, ईसाई संस्थाओं को टारगेट कर हमला होने के आरोप गलत हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि याचिका में जिन मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया गया है, उनमें तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है.


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सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का जवाब


सुप्रीम कोर्ट में गृह मंत्रालय ने कहा कि इन रिपोर्ट्स में जिन घटनाओं को ईसाइयों के उत्पीड़न के तौर पर पेश किया गया है, वो विशुद्ध आपराधिक मामले हैं. कई मामलों में तो निजी रंजिश के चलते हुए हमलों को ईसाई समुदाय के खिलाफ हमले की तरह रिपोर्ट किया गया.


सुप्रीम कोर्ट में याचिका


सुप्रीम कोर्ट में याचिका बंगलौर डायोसीज के आर्कबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने दाखिल की है. याचिकाकर्ता ने ईसाई संस्थाओं, धर्मगुरुओं पर हो रहे हमलों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट के दखल की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि इस तरह के हमलों को रोकने के लिए साल 2018 में तहसीन पूनावाला मामले में दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल होना चाहिए. इस फैसले में कोर्ट ने मॉब लिंचिंग को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे.


सुनवाई 25 अगस्त के लिए टली


आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने केन्द्र सरकार के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए और वक्त दिये जाने की मांग की. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 25 अगस्त के लिए टाल दी है.



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