नई दिल्ली : भारतीय नौसेना का पनडुब्बी भेदी युद्धक विमान टूपोलेव-142एम करीब तीन दशक तक हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय हितों की रखवाली करने के बाद आगामी बुधवार को सेवा से बाहर हो जाएगा.


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नौसेना के लिहाज से बहुत सटीक युद्धपोत 


सोवियतकालीन इस विमान को नौसेना के लिहाज से बहुत सटीक युद्धपोत माना जाता है. यह 1988 से भारतीय नौसेना में है. टूपोलेव-142एम के स्थान पर 12पी-81 को नौसेना में शामिल किया जा रहा है. बोइंग का समुद्री निगरानी विमान 12पी-81 पोत भेदी मिसाइलों और रॉकेट से लैस है तथा इसमें नयी पीढ़ी के सेंसर और रडार लगे हुए हैं.


29 मार्च को सेवा से होगा बाहर


नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा 29 मार्च को आईएनएस रजाली पर एक समारोह में टूपोलेव-142ए विमान को सेवा से अलग करेंगे. कुल आठ टूपोलेव-142एम विमानों को नौसेना में शामिल किया गया था और अब इनमें तीन ही परिचालन की स्थिति में हैं. अधिकारी ने कहा, ‘विमान ने सभी नौसैन्य अभ्यासों और अभियानों में भाग लेकर भारतीय नौसेना को गौरवान्वित किया है.’