Indian Railway ने बदला हावड़ा-कालका मेल का नाम, `नेताजी एक्सप्रेस` किया
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की जयंती से पहले, भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने बुधवार को हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर `नेताजी एक्सप्रेस` कर दिया है.
नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की 124वीं जयंती पर भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है. कोलकाता के हावड़ा से कालका तक जाने वाली हावड़ा-कालका मेल का नाम बदल दिया है. कालका एक्सप्रेस अब 'नेताजी एक्सप्रेस' के नाम से चलेगी. इसकी जनकारी भीरतीय रेलवे (Indian Railway) ने ट्वीट कर दी है. 18 जनवरी 1941 को इसी ट्रेन में बैठकर नेताजी ने अंग्रेजों को चकमा दिया था. इसके बाद नेताजी अंग्रेजों के हाथ कभी नहीं आए.
कालका अब 'नेताजी एक्सप्रेस'
रेल मंत्रालय (Rail Ministry) ने कहा है, 'नेताजी का पराक्रम भारत को स्वतंत्रता और विकास के 'एक्सप्रेस मार्ग' पर लाया था.' हावड़ा-कालका मेल भारतीय रेलवे (Indian Railway) की सबसे प्रसिद्ध और सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक है. यह दिल्ली के रास्ते हावड़ा (पूर्व रेलवे) और कालका (उत्तर रेलवे) के बीच चलती है. इस बाबत रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने कहा है कि कालका एक्सप्रेस अब 'नेताजी एक्सप्रेस' के नाम से दौड़ेगी. इससे पहले केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का ऐलान किया है. दिल्ली के लाल किले में नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर एक संग्रहालय भी स्थापित किया गया है, जिसका उद्घाटन 23 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा किया गया था.
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राजनीति भी जारी
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की 124वीं जयंती और 125वें जयंती वर्ष के शुभारंभ अवसर पर कोलकाता में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हिस्सा लेंगे. इससे पहले ही नेताजी पर राजनीति शुरू हो गई है. विपक्ष पराक्रम दिवस के ऐलान को भी राजनीति से जोड़कर देख रहा है. वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि महापुरुषों का सम्मान हमारे संस्कारों में है.
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