INS Imphal: ब्रह्मोस-टॉरपीडो से एटमी युद्ध तक...नेवी को मिलने वाला है `समंदर का सिकंदर`; थर्रा उठे दुश्मन
Stealth Guided Missile Destroyer: INS इंफाल से हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की समुद्री ताकत और मजबूत होगी. यह पहला युद्धपोत है, जिसका नाम पूर्वी भारत के किसी शहर के नाम पर रखा गया है. राष्ट्रपति ने अप्रैल 2019 में इसकी मंजूरी दी थी.
Indian Navy: समंदर में भारत की ताकत और बढ़ने जा रही है. पानी में दुश्मनों की एक-एक नापाक हरकत का जवाब भारत माकूल तरीके से दे पाएगा. मंगलवार को देश में बने स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर आईएनएस इंफाल को नेवी में शामिल किया जाएगा. यह सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है.
INS इंफाल से हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की समुद्री ताकत और मजबूत होगी. यह पहला युद्धपोत है, जिसका नाम पूर्वी भारत के किसी शहर के नाम पर रखा गया है. राष्ट्रपति ने अप्रैल 2019 में इसकी मंजूरी दी थी.
अधिकारियों ने कहा कि युद्धपोत को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में मुंबई स्थित नौसेना की गोदी (डॉकयार्ड) में आयोजित एक समारोह में शस्त्र बल में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि युद्धपोत का नाम मणिपुर की राजधानी के नाम पर रखा जाना नेशनल सिक्योरिटी और समृद्धि के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के महत्व को दिखाता है.
युद्धपोत की क्या हैं खासियतें
इस पोत का वजन 7,400 टन और कुल लंबाई 164 मीटर है. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और पोत विध्वंसक मिसाइलों और टॉरपीडो से लैस है.
बंदरगाह और समुद्र दोनों में टेस्टिंग पूरी करने के बाद आईएनएस इंफाल 20 अक्टूबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था.
इसके बाद, पोत ने पिछले महीने सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल टेस्ट किया, जो नेवी में शामिल किए जाने से पहले किसी भी स्वदेशी युद्धपोत के लिए इस तरह का पहला टेस्ट था.
75 परसेंट स्वदेशी सामग्री से बने INS इंफाल को भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक माना जा सकता है.
समुद्र की लहरों पर चलता-फिरता किला इंफाल 30 समुद्री मील से ज्यादा की रफ्तार से दौड़ सकता है. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और सेंसर से लैस है.
पोत में एक एडवांस निगरानी रडार लगा हुआ है, जो इसकी तोपखाने हथियार प्रणालियों को टारगेट का डेटा देता है.
इसमें स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट लॉन्चर, टॉरपीडो लॉन्चर और एएसडब्ल्यू हेलिकॉप्टरों से मिलती हैं. यह युद्ध पोत परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध के हालात में भी लड़ने के काबिल है. इसमें हाई लेवल की ऑटोमैटिक और सीक्रेट खासियतें हैं जो उसकी युद्ध क्षमता को और बढ़ाती हैं.
इम्फाल जहाज में मौजूद कुछ प्रमुख स्वदेशी उपकरणों/प्रणालियों में स्वदेशी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, टॉरपीडो ट्यूब, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर, सुपर रैपिड गन माउंट के अलावा लड़ाकू प्रबंधन प्रणाली, एकीकृत प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणाली, स्वचालित पावर प्रबंधन प्रणाली, फोल्डेबल हैंगर डोर, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम, क्लोज-इन वेपन सिस्टम और झुके हुए माउंटेड सोनार शामिल हैं.