नई दिल्ली: भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने (Army Chief Gen Manoj Mukund Naravane) ने रविवार को बताया कि युद्ध की स्थिति में तेजी से हमले के लिए वो चीन और पाकिस्तान की सीमा पर एकीकृत लड़ाई समूह (IBG) की तैनाती की योजना बना रहे हैं. जनरल ने कहा कि इसके लिए परीक्षण पूरे हो चके हैं, लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण इसमें देरी हुई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सेना प्रमुख ने कहा, 'महामारी के प्रकोप के कारण IBG के रोल-आउट में देरी हुई है और इसके रोकथाम के प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों को उधर मोड़ने की जरूरत है.'


उन्होंने कहा 'हालांकि, मैं आपको आश्वासन देता हूं कि हम उचित समय सीमा में आईबीजी को रोल आउट कर लेंगे क्योंकि इसकी तैयारी तो पहले से ही किया जा चुकी हैं और प्रकोप से पहले व्यापक परीक्षण भी किए जा चुके हैं.' 


एक आईबीजी पैदल सेना, तोपों, वायु रक्षा, टैंक और सैन्य तंत्र इकाइयों से मिलकर बनी होती है, जिससे युद्ध क्षमता में बदलाव लाया जा सकता है.


ये भी पढ़ें: पाकिस्तान ने 'लद्दाख' के मौसम का हाल बताने में की भारी चूक, लोग उड़ा रहे जमकर मजाक


प्रत्येक आईबीजी को जरूरत के आधार पर तैयार किया जाएगा जिसमें जमीन की टोपोग्राफी और खतरे की संभावनाओं को ध्यान में रखा जाएगा. मेजर जनरल की अध्यक्षता में प्रत्येक आईबीजी में कम से कम 5,000 सैनिक होंगे.


हालांकि, उन्होंने कहा कि COVID-19 महामारी के कारण रक्षा उत्पादन और खरीद में कुछ समस्याएं आ सकती हैं, लेकिन ऐसा थोड़े समय के लिए ही है. 


अक्टूबर 2019 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के पहले, भारतीय सेना ने मुख्य रूप से अरुणाचल प्रदेश में 'हिम विजय' अभ्यास किया था जिससे कि इन आईबीजी का परीक्षण किया जा सके और पहाड़ी इलाकों में युद्ध की स्थितियों में इसके प्रभावों की जांच की जा सके.


ये बी देखें-



सभी आईबीजी थिएटर-विशिष्ट होंगी, जिसका अर्थ है कि राजस्थान के रेगिस्तान में तैनात इकाई में रेगिस्तान में युद्ध के लिए प्रशिक्षित उपकरण और बल होंगे, जबकि पहाड़ों में तैनात लोगों को वहां के अनुरूप ही प्रशिक्षित किया जाएगा.