महिला दिवस 2024: चीन बॉर्डर पर पहाड़ों का सीना चीर बनवा रहीं सड़कें, पुल और एयरबेस... कर्नल पोनुंग डोमिंग से मिलिए
Mahila Diwas 2024: कर्नल पोनुंग डोमिंग बॉर्डर रोड्स टास्क फोर्स (BRTF) की कमान संभालने वाली पहली महिला ऑफिसर हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पढ़िए, लद्दाख में 19,400 फीट की ऊंचाई पर कर्नल पोनुंग डोमिंग कैसे पहाड़ों का सीना चीर सड़कें बनवा रही हैं.
Col Ponung Doming Indian Army: लद्दाख के हनले का तापमान इन दिनों -20 डिग्री सेल्सियस तक गिर जा रहा है. 19,400 फीट की ऊंचाई पर मौजूद हनले में ठीक से सांस लेना मुश्किल है, वो पहाड़ों का सीना काटने में लगे हैं. मकसद है चीन से लगती लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास सड़कों का जाल बिछाना. उनकी लीडर हैं कर्नल पोनुंग डोमिंग, जो बॉर्डर रोड्स टास्क फोर्स (BRTF) की पहली महिला कमांडर हैं. 42 साल की कर्नल डोमिंग देमचोक सेक्टर में करीब 300 किलोमीटर लंबी सड़कें और कुछ पुल बनवा रही हैं. पूर्वी लद्दाख के न्योमा में एक फाइटर एयरबेस भी कर्नल पोनुंग डोमिंग की देखरेख में बन रहा है. उमलिंग ला में मौजूद दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड की सुरक्षा भी उन्हीं के जिम्मे है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) 2024 के मौके पर जानिए पहाड़ों का सीना चीर देश की सुरक्षा का खाका खींच रहीं कर्नल पोनुंग डोमिंग के बारे में.
-20 डिग्री तापमान में डटी है कर्नल पोनुंग डोमिंग की टीम
कर्नल पोनुंग लोडिंग को पिछले साल लद्दाख भेजा गया था. उनकी टीम अभी 19,400 फीट की ऊंचाई पर -20 डिग्री तापमान में सड़क बना रही है. इलाके के सभी गांवों को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट्स को डेडलाइन के भीतर पूरा करना है. कर्नल डोमिंग ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'यहां हर दिन चुनौती लेकर आता है. हम पिछले कई हफ्तों से सब-जीरो टेंपरेचर में काम कर रहे हैं. लेकिन आप हालात को कैसे हैंडल करते हैं, उससे आपके कैरेक्टर, लीडरशिप और स्पिरिट की पहचान होती है.'
कर्नल पोनुंग डोमिंग : अरुणाचल के किसान की बेटी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम Inspire Inclusion है. BRTF की पहली महिला कमांडर के रूप में कर्नल पोनुंग लोडिंग इस थीम पर खरी उतरती है. वह अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट सियांग जिले से आती हैं. उनके माता-पिता किसान हैं. एक किसान परिवार में जन्मीं पोनुंग डोमिंग ने इंजीनियरिंग के लिए राज्य के स्कॉलरशिप एग्जाम में सफलता पाई. फिर उनका एडमिशन महाराष्ट्र के सांगली में स्थिति वालचंद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में हुआ. पोनुंग डोमिंग अपने बैच की टॉपर रहीं. कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में एमटेक करते हुए डोमिंग ने गोल्ड मेडल जीता.