Akhilesh Yadav News: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के 'मॉडल' को जमकर सराहा. कांग्रेस से अनबन की खबरों के बीच अखिलेश का अरविंद केजरीवाल की पार्टी की तारीफ करना राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर गया.
Trending Photos
Akhilesh Yadav Politics: पिछले 10 दिन का सियासी घटनाक्रम देखिए: 7 दिसंबर को, समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता रामगोपाल यादव कहते हैं कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी विपक्षी गठबंधन INDIA के नेता नहीं हैं. फिर तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी INDIA की कमान संभालने का दम भरती हैं. अखिलेश यादव की सपा ममता की दावेदारी का पुरजोर समर्थन करती है. INDIA ब्लॉक के कुछ और दल भी ममता के समर्थन में आ जाते हैं. महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी (MVA) में शामिल सपा गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर देती है. इधर दिल्ली में, आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल साफ कर देते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होने जा रहा. एक-दो दिन बाद ही, अखिलेश दिल्ली सरकार के मंच से AAP के हेल्थ मॉडल की तारीफ करते नजर आते हैं. यह तमाम घटनाक्रम दिखाता है कि विपक्षी खेमे के भीतर कांग्रेस की घेराबंदी चल रही है. दिल्ली में कोई न कोई खिचड़ी तो पक रही है जिसका कांग्रेस से लेना-देना जरूर है.
अखिलेश ने की AAP के दिल्ली मॉडल की तारीफ
AAP सरकार की ओर से सोमवार को दिल्ली में 'महिला अदालत' लगाई गई थी. मंच पर सीएम आतिशी के साथ पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ एक चेहरा और था जो सबको बदलती हुई राजनीतिक फिजा का अहसास करा गया. सपा सुप्रीमो और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव, केजरीवाल के बगल में विराजमान थे. जब अखिलेश ने माइक संभाला तो केंद्र की बीजेपी नीत एनडीए सरकार पर तो हमला बोला ही, AAP सरकार की तारीफों के पुल बांधने में कोई कसर बाकी नहीं रखी.
यह भी पढ़ें: क्या I.N.D.I.A. का हो गया Endgame? कांग्रेस को EVM पर सुनाकर उमर ने ठोकी आखिरी कील
अखिलेश ने कहा, 'हमारी मां, हमारी बेटी, हमारी बहन का जो सबसे बुनियादी सवाल है कि उसको सुरक्षा मिले. जो जिम्मेदारी AAP की होनी चाहिए थी, वह आपसे छीनकर के दिल्लीवालों के पास है, गृह विभाग के पास है... जैसा मैंने कहा कि गृह विभाग केवल नाम का है, वो दिल्ली में सुरक्षा नहीं दे पा रहा, मणिपुर में सुरक्षा नहीं दे पा रहा तो सोचो जो गृह विभाग का काम है, वह काम कौन कर रहा है?'
सपा सुप्रीमो ने आगे कहा, 'आपने स्वास्थ्य में जो परिवर्तन किया, उसका परिणाम यह हुआ कि आपसे सीखकर के बहुत सारे प्रदेशों ने वहीं मॉडल अपनाने का काम किया. जो शिक्षा के क्षेत्र में आपने परिवर्तन किया... मैं अपनी बहनों से कहना चाहता हूं, जो AAP पार्टी कर रही है... स्वास्थ्य के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में... यही हमारी माताओं-बहनों को सम्मान दिलाने का काम है और अगर सुरक्षा भी AAP के हाथ में आ जाए तो इससे बड़ा काम और नहीं हो सकता. अगर हमें सुरक्षा मिल जाए, मान-सम्मान आपका अपने आप बढ़ने लगेगा.'
#WATCH | Delhi: Addressing the 'Mahila Adalat' held by the AAP, Samajwadi Party President and MP, Akhilesh Yadav says, "... The Home Department is there just for the namesake. If they are not able to provide security, then who is doing the job of the Home Department. A no. of… pic.twitter.com/iXiXmkeKil
— ANI (@ANI) December 16, 2024
अखिलेश ने कहा, 'आप जो यह योजना शुरू करने जा रहे हैं, इसकी जानकारी जितने बड़े पैमाने पर माताओं-बहनों को पहुंच जाएगी, तो समझ लीजिए बड़े पैमाने पर आपको समर्थन मिल जाएगा. आपने जो आर्थिक रूप से मदद करने का फैसला लिया है, जो 2100 रुपये देने का फैसला लिया है, मैं अपनी तरफ से और तमाम बहनों की तरफ से आपको बधाई देना चाहता हूं.'
यह भी पढ़ें: EVM के 'चरित्र हनन' में कांग्रेस को नहीं मिला अपनों का साथ, TMC ने भी खींच लिए हाथ
सहयोगी दलों का कांग्रेस से हो रहा मोहभंग?
अब तक कांग्रेस खुद को INDIA ब्लॉक के लीडर के रूप में प्रोजेक्ट करती आई है. हालांकि, यूपी के हालिया उपचुनाव हों या हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में गठबंधन का निराशाजनक प्रदर्शन, INDIA के सहयोगियों में कांग्रेस के प्रति असहमति के स्वर उभरे हैं. सपा के रामगोपाल यादव के बयान पर सहारनपुर सीट से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने पलटवार करते हुए कहा था कि राहुल ही इंडिया ब्लॉक के नेता हैं.
मसूद ने कहा था, 'रामगोपाल के बयान से यह नहीं बदलेगा क्योंकि उनके नेता अखिलेश यादव हैं... अगर कोई मुझसे पूछे कि क्या मेरे नेता अखिलेश यादव हैं, तो मैं कहूंगा कि नहीं.' सपा और कांग्रेस के बीच बढ़ती तल्खियों से यह सवाल खड़ा होता है कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को नंबर 2 पर खिसकाने में कामयाब रहा गठबंधन 2027 विधानसभा चुनाव तक टिका रह भी पाएगा या नहीं.
यह भी पढ़ें: सपा 'छिटकी', ममता को कांग्रेस का दबदबा मंजूर नहीं; बिगड़ रहा INDIA गठबंधन का बैलेंस
क्यों कांग्रेस से नाराज हैं अखिलेश?
कांग्रेस और सपा के बीच खींचतान का इशारा यूपी में हालिया उपचुनाव से पहले ही मिलने लगा था. दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर बात नहीं बन पाई. आखिरकार कांग्रेस ने हाथ खड़े कर दिए और सपा को सभी नौ सीटों पर चुनाव लड़ने दिया. ये उपचुनाव विपक्ष के लिए बड़ा झटका साबित हुए. सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी ने न केवल सात में से छह सीट पर जीत हासिल की, बल्कि सपा की दो सीटें भी छीनने में सफल रही. अखिलेश ने TMC के लिए जो एक सीट छोड़ी थी, वह भी चली गई.
फिर, मध्य प्रदेश और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में सपा को लड़ने के लिए एक भी सीट नहीं दी गई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में फिर वही कहानी दोहराई गई. सपा को MVA में सीटों के लिए संघर्ष करना पड़ा. काफी मान-मनौव्वल के बाद सपा को सिर्फ दो सीटें दी गईं, जो अखिलेश को नागवार गुजरा.
यह भी पढ़ें: 2012 में कांग्रेस कैसे हुई बर्बाद! 12 साल बाद मणिशंकर अय्यर ने किया बड़ा खुलासा
यह तनातनी सिर्फ चुनावी नहीं है, इसके तारे संसद से भी जुड़े हैं. सपा को लगता है कि अडानी का मुद्दा अहम है लेकिन इतना भी नहीं कि उसके लिए संभल हिंसा जैसे ज्वलंत मुद्दे की तिलांजलि दी जाए. संसद में इसी बात को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों में खटपट हो गई. जब संसद में राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष का प्रदर्शन हुआ तो उसमें सपा के सांसद शामिल नहीं हुए.
लोकसभा में सीटिंग अरेंजमेंट ने भी अखिलेश को नाराज किया. पहले अखिलेश, राहुल गांधी और फैजाबाद (अयोध्या) से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के साथ बैठते थे लेकिन कांग्रेस ने प्रसाद को दूसरी लाइन में भेज दिया. इस पर अखिलेश इतना बिगड़ गए कि अपनी आवंटित सीट पर जाकर बैठे, राहुल के बगल में नहीं.