ISI देश में दंगे करवाने की रच रही साजिश, घुसपैठियों के जरिये कर रही फंडिंग
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भारत मे अवैध रूप से रह रहे अप्रवासी मुस्लिम घुसपैठियों और रोहिंग्या को इस काम के लिए ISI फाइनेंशियल फंडिंग करा रही है.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर देश में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI देश मे दंगे करवाने की साजिश रच रही है. सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भारत मे अवैध रूप से रह रहे अप्रवासी मुस्लिम घुसपैठियों और रोहिंग्या को इस काम के लिए ISI फाइनेंशियल फंडिंग करा रही है. सूत्रों के मुताबिक देशभर के संवेदनशील शहरों में पथराव करने और माहौल खराब करने के लिए ISI फंडिंग करवा रही है.
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में हुई जामिया हिंसा और उसके बाद सीलमपुर-जाफराबाद हिंसा में भी ये एंगल को देखा जा रहा है. देशभर की एंटी टेरर यूनिट कई संदिग्ध फोन कॉल की डिटेल खंगाल रही है और हजारों व्हाट्सएप ग्रुप पर नजर बनाए हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक कश्मीर की तर्ज पर ISI अब देश के बड़े शहरों खासकर दिल्ली में पत्थरबाजी करवाने के लिए साजिश रच रही है.
इसके साथ ही देश की खुफिया एजेंसियों ने यह भी दावा किया है कि असम में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act- CAA) को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के पीछे आतंकवादी संगठनों का हाथ है. खुफिया एजेंसियों के हाथ कुछ अहम दस्तावेज लगे हैं जिनके हवाले से यह खुलासे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, दस्तावेजों से यह बात सामने आई है कि आतंकवादी संगठन उल्फा ने प्रदर्शनकारियों को हथियार दिए.
खुफिया एजेंसियों ने दस्तावेजों के आधार पर यह दावा किया है कि प्रदर्शनकारियों को 60% हथियार उल्फा ने मुहैया करवाए थे. केंद्र सरकार को शक है कि इस विरोध के पीछे अनेक ऐसे असामाजिक संगठन भी सक्रिय हैं जिनके ऊपर सरकार की कड़ी निगाहें हैं और जिन संगठनों के अनेक लोग देशद्रोही गतिविधियों में गिरफ्तार होकर कर जेलों में बंद हैं.
इधर, विपक्षी पार्टियां आज नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन कर रही हैं. हालांकि इस आंदोलन का शिव सेना और आरजेडी जैसी पार्टियां सपोर्ट नहीं कर रही हैं.
(इनपुट: नीरज गौड़ के साथ)