ISRO Moon Mission: `सटीक ऑर्बिट` में स्थापित हुआ आदित्य L1, सूर्य के पास पहुंच इन खास बातों का लगाएगा पता
Aditya L1 Launch: आदित्य एल1 (Aditya L1) स्पेसक्राफ्ट सफलतापूर्वक सटीक ऑर्बिट में स्थापित हो गया है. आदित्य एल1 की सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो चीफ एस. सोमनाथ (S. Somnath) ने बड़ा बयान दिया है.
Aditya L1 Mission Latest Update: इसरो (ISRO) ने आज (शनिवार को) सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर सफलतापूर्वक अपना सूर्य मिशन आदित्य एल1 लॉन्च किया. इसरो ने बताया कि पीएसएलवी रॉकेट पर सवार आदित्य एल1 स्पेसक्राफ्ट शनिवार को कामयाबी से अलग हो गया और अब ये सूर्य की तरफ 125 दिन की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ेगा. इसरो चीफ एस. सोमनाथ (S. Somnath) ने कहा कि आदित्य एल1 स्पेसक्राफ्ट को सटीक ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया है. सोमनाथ ने आगे कहा कि आदित्य एल1 को पीएसएलवी ने बहुत सटीक तरीके से 235 * 19,500 किलोमीटर की अपेक्षित अंडाकार ऑर्बिट में स्थापित कर दिया है.
125 दिन की लंबी जर्नी आदित्य एल1
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि अब से आदित्य एल1 सूर्य की तरफ 125 दिन की लंबी जर्नी पर जाएगा. पीएसएलवी ने आदित्य एल1 को ‘हमेशा की तरह’ त्रुटिहीन तरह से ऑर्बिट में स्थापित कर दिया है और सौर पैनल तैनात हो गए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि आदित्य एल1 ने सूर्य की 125 दिन की अपनी लंबी जर्नी को शुरू कर दिया है.
एल1 पॉइंट पर पहुंचेगा आदित्य
जान लें कि सूर्य गैस का एक विशाल गोला है और आदित्य एल1 इसके बाहरी वातावरण की स्टडी करेगा. इसरो के मुताबिक, आदित्य एल1 ना तो सूर्य पर उतरेगा और ना ही इसके करीब जाएगा. आदित्य एल1 स्पेसक्राफ्ट एल1 पॉइंट पर मौजूद रहेगा और वहां से ही सूर्य की स्टडी करेगा.
आदित्य एल1 का मकसद
बता दें कि आदित्य एल1 का उद्देश्य सूर्य की किरणों की स्टडी करना है. आदित्य एल1 कोरोना (CORONA) से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं के बारे में अध्ययन करेगा. आदित्य एल1 की मदद से सौर वायुमंडल और उसके तापमान की भी स्टडी की जाएगी. इसके अलावा इसरो का सूर्य मिशन सौर तूफानों के आने के कारण, सौर लहरों और उनका पृथ्वी के वायुमंडल पर क्या प्रभाव होता है, इसकी भी जानकारी इकट्ठा करेगा.
(इनपुट- भाषा)