जम्मू: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार हो रहे जिला विकास परिषद (DDC) के चुनावों को जनता का जबरदस्त रिस्पांस मिला है. शनिवार को हुए चुनाव के पहले चरण में पूरे प्रदेश से करीब 51.76 फीसदी वोटर्स ने वोट डाले. आतंक प्रभावित इलाकों से लेकर सीजफायर उल्लंघन वाले सीमा क्षेत्रों तक, सभी जगह मतदाताओं ने विकास के नाम पर जमकर वोट डाले. 


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लोगों पर आतंकी धमकियों का नहीं पड़ा कोई असर
जिला विकास परिषद (DDC) के पहले चरण के चुनावों में कुछ इलाकों में तो वोटिंग 60 फीसदी से भी ज्यादा रही. आतंक से सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिण कश्मीर में मतदाताओं ने आतंकी धमकियों को दरकिनार कर लोकतंत्र में आस्था दिखाई. दक्षिण कश्मीर में चार जिले अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा और कुलगाम शामिल है. पुलवामा को छोड़कर बाकी जगह वोटिंग प्रतिशत 40 फीसदी से ज्यादा ही रहा. बीजेपी का कहना है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद लोग अब विकास चाहते हैं.


जम्मू कश्मीर में पहली बार हो रहे हैं DDC (DDC) के चुनाव
जिला विकास परिषद के चुनाव की बात करें तो आज़ादी के बाद पहली बार जिला विकास परिषद (DDC) के चुनाव हो रहे हैं. प्रदेश के चुनाव कार्यालय के मुताबिक इन इन चुनावों के लिए 28 नवंबर से 19 दिसंबर तक 8 चरणों में वोटिंग होगी. DDC चुनाव में कुल 280 सीटें दांव पर हैं. जिनमें से शनिवार को हुए पहले चरण में कुल 43 सीट के लिए वोटिंग हुई. इनमें जम्मू में 18 और कश्मीर में 25 सीटों के लिए वोट डाले गए. 


बीजेपी, कांग्रेस और गुपकार गठबंधन में है चुनावी लड़ाई
 जम्मू कश्मीर में पहली बार होने जा रहे DDC चुनावों में मुख्य लड़ाई बीजेपी और गुपकार गठबंधन के बीच है. गुपकार गठबंधन में कुल 7 पार्टियां शामिल हैं. कांग्रेस इस गुपकार गठबंधन में शामिल नहीं है और वह अकेले ही चुनाव लड़ रही है. चूंकि ये स्थानीय स्तर के चुनाव हैं. इसलिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार जिला विकास परिषद के चुनाव में लोगों का ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है.


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अभी सात चरणों में और होगी वोटिंग
फिलहाल जिला विकास परिषद के चुनाव में 7 चरण और बाकी है. पहले चरण के वोटिंग जिस शानदार तरीके से बिना किसी अप्रिय घटना के पूरी हुई है उससे तो यही संकेत मिलता है कि आगे भी इस चुनाव में कई रिकॉर्ड बनेंगे. इससे ये भी साबित होगा कि 370 हटाने से जम्मू-कश्मीर के तमाम लोग खुश है केवल गुपकार गैंग के लोगों को छोड़कर.