Jammu-Kashmir में DDC का चुनाव कार्यक्रम घोषित, कश्मीर की पार्टियों ने साधी चुप्पी
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Jammu-Kashmir में DDC का चुनाव कार्यक्रम घोषित, कश्मीर की पार्टियों ने साधी चुप्पी

चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) के 20 जिलों में जिला विकास परिषदों (DDC) के चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. ये चुनाव 8 चरणों में होंगे.

फाइल फोटो

श्रीनगर: चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) के 20 जिलों में जिला विकास परिषदों (DDC) के चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. ये चुनाव 8 चरणों में होंगे. पहले चरण के वोट 28 नवंबर और अंतिम चरण के 22 दिसंबर को डाले जाएंगे. 

  1. वोटों की गणना 22 दिसंबर को होगी 
  2. पंचायतों की खाली सीटों पर भी होगी वोटिंग
  3. पहली बार वाल्मीकि, गोरखा और शरणार्थी डालेंगे वोट

वोटों की गणना 22 दिसंबर को होगी 
प्रदेश के चुनाव अधिकारी के.के. शर्मा ने कहा कि जिला विकास परिषद के पहले चरण के चुनाव के लिए 28 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. जबकि अंतिम चरण के लिए 19 दिसंबर को वोटिंग होगी. सब चरणों के चुनाव पूरे होने के बाद 22 दिसंबर को मतगणना की जाएगी. इन विकास परिषदों में से 10 सीटें जम्मू और बाकी 10 सीटें कश्मीर क्षेत्र में हैं. 

पंचायतों की खाली सीटों पर भी होगी वोटिंग
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिला विकास परिषद में 14 निर्वाचन क्षेत्र होंगे. यानी कि 14 जिला पंचायत सदस्य DDC के लिए वोट डालेंगे. DDC के साथ ही पंचायतों में खाली चल रही सीटों के लिए भी वोट डाले जाएंगे. ये सारी वोटिंग बैलट पेपर के जरिए की जाएगी. वहीं नगर निगमों में खाली चल रही सीटों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के जरिए वोटिंग होगी. 

पहली बार वाल्मीकि, गोरखा और शरणार्थी डालेंगे वोट
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी हृदयेश कुमार ने बताया कि इन चुनावों में पहली बार पाकिस्तान से आए शरणार्थियों, वाल्मीकि समुदाय और गोरखाओं को भी वोट देने का अधिकार मिलेगा. राज्य में पंचायत की 12 हजार 153 और नगर निकायों की 234 सीटें खाली हैं. जिन पर उपचुनाव है. उन्होंने कहा कि चुनावों के लिए प्रशासन और पुलिस बलों का पर्याप्त इंतजाम कर लिया गया है. 

जम्मू कश्मीर में लागू हुआ पंचायती राज कानून
बता दें कि देश में स्व-शासन की जड़ें मजबूत करने के लिए केंद्र ने 28 साल पहले ही 73वां संविधान संशोधन कर पूरे देश में पंचायतीराज एक्ट लागू कर दिया था. लेकिन जम्मू कश्मीर में सत्तारूढ रही नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस ने इसे राज्य में लागू नहीं दिया. पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर पर भी पंचायती राज एक्ट लागू कर दिया और वहां पर पहली बार पंचायत चुनाव करवाए गए.

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कश्मीर की पार्टियों ने चुनावों पर साधी चुप्पी
हृदेश कुमार ने कहा कि पंचायत के उपचुनाव व्यक्ति आधारित होंगे. यानी कि कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकेगा. वहीं  DDC के चुनाव पार्टी आधारित होंगे, जिसमें विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. फिलहाल बीजेपी जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस ने अभी तक चुनाव के संबंध में चुप्पी साधी हुई है. 

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