Jammu-Kashmir Assembly Election: जम्मू-कश्मीर में अगले साल विधानसभा चुनाव हो सकते हैं और अगले 1 महीने में मतदाता सूची का काम पूरा होने की संभावना है. इस बीच जम्मू की डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा (Jammu Deputy Commissioner Avny Lavasa) ने वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नए आदेश जारी किए हैं और सभी तहसीलदारों को नए वोटर्स के रजिस्ट्रेशन को लेकर आदेश दिया है.


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एक साल से ज्यादा समय से रह रहे लोग डाल सकेंगे वोट


डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा (Jammu DC Avny Lavasa) ने अपने आदेश में सभी तहसीलदारों से कहा कि एक साल से ज्यादा समय से जम्मू जिले में रह रहे लोगों को मतदाता के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए वेरिफाई करें. इस आदेश के अनुसार, एक साल से ज्यादा समय से रहे लोग नए वोटर के रूप में रजिस्टर किए जाएंगे और अगर कोई बाहरी व्यक्ति भी एक साल से अधिक समय तक जम्मू में रह रहा है तो उसे वोटिंग का अधिकार मिल सकता है.



इन डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर कोई भी बन सकता है वोटर


भारत चुनाव आयोग (ECI) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार एक साल के लिए पानी / बिजली / गैस कनेक्शन, आधार कार्ड, राष्ट्रीयकृत / अनुसूचित बैंक / डाकघर की वर्तमान पासबुक, भारतीय पासपोर्ट, राजस्व विभाग का किसान बहीखाता सहित भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड, पंजीकृत किराया/लीज डीड (किरायेदार के मामले में) और खुद के घर के मामले में रजिस्टर्ड सेल डीड का इस्तेमाल कर कोई भी वोटर के रूप में रजिस्ट्रेशन करा सकता है. जम्मू में भी इनमें से कोई भी दस्तावेज निवास के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जा सकता है. 


डीसी के आदेश पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जताया विरोध


डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा (Jammu DC Avny Lavasa) के आदेश का विरोध भी शुरू हो गया है और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विरोध जताया है. विरोध दर्ज कराते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि मोदी सरकार 25 लाख गैर स्थानीय लोगों को वोटर लिस्ट का हिस्सा बनाने वाली है और इसको लेकर ही कवायद कर रही है.


जम्मू-कश्मीर में अगले साल हो सकते हैं विधानसभा चुनाव


सूत्रों के अनुसार, ठंड में चुनाव होने की संभावना नहीं है तो ऐसे में अगले साल ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे.  बता दें कि मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और इसके अगले एक महीने में पूरी होने की संभावना है. जम्मू-कश्मीर में 4 श्रेणियों में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है.


इस बार पश्चिमी पाकिस्तान से आने वाले 1 लाख 46 हजार मतदाता, जम्मू कश्मीर से देश भर में जाकर बसे 4 लाख 44 हजार मतदाता, पीओके से आए 1 लाख 86 हजार मतदाता और जम्मू कश्मीर में पंद्रह वर्ष से रह रहे मतदाता शामिल किए गए हैं. ये ऐसे मतदाता हैं, जो लोकसभा में तो मताधिकार का प्रयोग करते थे, लेकिन प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनको वोटिंग करने का अधिकार नही था. अब उनको भी जोड़ा गया है. चुनाव आयोग विस्तार से ऐसे सभी वाजिब मतदाताओं को लेकर मतदाता सूची की छानबीन कर रहा है. डिप्टी कलेक्टरों की निगरानी में इन सभी मतदाताओं की पड़ताल हो रही है.


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