Jammu Kashmir Assembly Election 2024: पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक सरगर्मियां तेज रहीं. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में आज विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के सौ से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेताओं अल्ताफ कालू और डॉ. बशीर वीरी के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने पहुंचे. सैकड़ों लोग नेताओं की चुनावी रैलियों में दिखे. वहीं जेकेएनसी के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला भी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ नामांकन केंद्रों पर पहुंचे.


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क्या शंकराचार्य पहाड़ी को कहेंगे 'तख्त-ए-सुलेमान'


इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र पर उंगली उठाई है. भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने एनसी घोषणापत्र के संबंध में दस सवाल उठाए, जिनमें यह भी शामिल है कि ''क्या कांग्रेस चाहती है कि 'शंकराचार्य पहाड़ी' को 'तख्त-ए-सुलेमान' और 'हरि पर्वत ' को 'कोह-ए-मारन' के नाम से जाना जाए?


नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मैनिफेस्टो पर उठे सवालों पर बीजेपी का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, मैं भाजपा का शुक्रगुजार हूं. उन्होंने हमारे घोषणापत्र के बारे में बात की, वरना हमारी कौन सुनता है? यह उनका अहंकार है. कांग्रेस का अपना घोषणापत्र होगा और हमारा अपना. चुनाव के बाद एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाया जाएगा. हमारा घोषणा पत्र एकसूत्रीय नहीं है. हमारा घोषणापत्र सबसे अच्छा है.


'आसान नहीं था सीटों का बंटवारा करना'


उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सीटों का बंटवारा हमारे लिए आसान बात नहीं थी. ये चुनाव दस साल बाद हो रहे हैं. उनके पास भी कुछ सीमाएं थीं और हमारे पास भी कुछ थीं. एक गठबंधन बनाने की कोशिश की गई है, जिसमें दोनों दल कम से कम सीटों पर उम्मीदवार उतारें. अंत में, केवल पांच सीटों पर बातचीत सफल रही.


पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती आज अपनी बेटी इल्तिजा मुफ्ती के साथ बिजबेहरा निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचीं. इल्तिजा पहली बार चुनाव लड़ेंगी, जबकि महबूबा मुफ्ती के इस विधानसभा चुनाव से दूर रहने की संभावना है.


कश्मीर दौरे पर पहुंचे अमेरिकी राजनयिक


इसी बीच उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाले वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिकों से भी मुलाकात की. इसके इलावा वो पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष सज्जाद लोन से भी मिले. इस दौरे और चुनाव के वक़्त राजनीतिक दलों से इनके मिलने पर सवाल उठाए हैं लेकिन इल्तिजा ने कहा वो शायद जमीनी हकीकत देखने आए हों. 


इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, 'यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि मुझे बिजबेहरा निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने के लिए कहा गया है. आज मेरे लिए बहुत भावुक दिन है और मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं. मुझे मुफ्ती साहब की बहुत याद आ रही थी. मैं जम्मू कश्मीर की समस्याओं और उपेक्षित युवाओं के लिए लड़ूंगी. अमेरिकी डेलीगेशन शायद यहां जमीनी हकीकत देखने आया है. यह अच्छी बात है कि उन्हें यहां आने दिया गया. अगर पीडीपी से मिलते है तो अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती उन्हें सच्चाई से अवगत जरूर करवाएंगी.'


निर्दलीय चुनाव लड़ रहे जमाती


एक बड़ा बदलाव यह देखने को मिला, जमात इस्लामी जो तीन दशकों तक चुनावों का भाहिषकार करते रहे. उसके पूर्व सदस्य इस बार निर्दलीय तौर पर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. जमाते इस्लामी पर गृह मंत्रालय ने प्रतिबंध लगा रखा है. ऐसे में अब इस कट्टरवादी संगठन के सदस्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मुख्यधारा में आने लगे हैं. दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में, जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्य नजीर अहमद भट ने देवसर विधानसभा क्षेत्र के लिए अपना नामांकन दाखिल किया.


नजीर अहमद भट, जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्य ने कहा  “यहां बहुत अन्याय हुआ. पिछले साल मेरे दो भतीजे गिरफ्तार हुए और कई नेताओं से मदद मांगने के बावजूद किसी ने मदद नहीं की. उस समय मैंने लोगों की सेवा करने का फैसला किया. संसदीय चुनावों में धांधली का डर था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिससे मुझे चुनाव लड़ने का साहस मिला. उस समय मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया और मैं जीत सुनिश्चित करूंगा. मैं जमात से जुड़ा था क्योंकि मैं उनके कार्यक्रमों में जाता था.” 


'पहले चुनाव लड़ना हराम था और अब हलाल'


जमात के इस बदलाव पर उमर अब्दुल्ला ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब तक चुनाव लड़ना जमात के लिए हराम था, लेकिन अब यह हलाल है. अगर वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं तो यह स्वागत योग्य कदम है. हम चाहते थे कि वे अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ें, लेकिन प्रतिबंध के कारण ऐसा नहीं हो सका” 


इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी ने भी आज अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की. एनसी की सूची में पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है. उमर गंदेरबल निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. जम्मू और कश्मीर में 18 सितंबर से तीन चरणों में चुनाव शुरू हो रहे हैं. पहले चरण में 24 सीटो पर चुनाव होगा. 


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