Jammu Kashmir Assembly Election Result 2024: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुआ तो कई बदलाव देखने को मिले. केंद्र शासित राज्य में भाजपा और कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. अंत में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विजयी बढ़त बनाई और चुनाव जीत लिया. जीते हुए उम्मीदवारों में तीन महिला नेताओं की चर्चा खूब हो रही है. चुनाव में इन तीनों महिलाओं ने शानदार जीत दर्ज की है. आइये आपको इन महिला नेताओं के बारे में बताते हैं.


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बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी


इनमें एक महिला भारतीय जनता पार्टी (BJP) से और दो महिलाएं नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) से हैं. शमीमा फिरदौस और सकीना इतू नेशनल कॉन्फ्रेंस की सदस्य हैं, जबकि शगुन परिहार BJP की सदस्य हैं. बता दें कि इस बार के जम्मू-कश्मीर चुनाव में 41 महिलाओं ने अपनी किस्मत आजमाई थी. 2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इसमें 24 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में महिलाओं की भागीदारी और उनकी सफलता ने जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक बदलाव का संकेत दिया है. जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.


कांग्रेस-एनसी ने भाजपा को दी मात


नेशनल कॉन्फ्रेंस और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के गठबंधन ने कुल 48 सीटें जीतीं. जबकि BJP ने 29 सीटों पर जीत हासिल की जिसमें 28 हिंदू और एक सिख सदस्य शामिल हैं. इस चुनाव में BJP के सभी मुस्लिम उम्मीदवार हार गए, जिनमें दो पूर्व मंत्री भी शामिल थे.


शगुन परिहार


शगुन परिहार ने किश्तवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से 521 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. 29 साल की शगुन एक रिसर्च छात्रा हैं. शगुन ने इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम में MTech किया है और PhD की पढ़ाई कर रही हैं. आतंकवादियों ने उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी थी. जो दर्शाता है कि उनका चुनावी सफर कितना चुनौतीपूर्ण रहा होगा.


शमीमा फिरदौस


नेशनल कॉन्फ्रेंस की महिला विंग की अध्यक्ष शमीमा फिरदौस ने BJP के अशोक कुमार भट को 9,538 वोटों के बड़े अंतर से हराया. उन्होंने 12,437 वोट प्राप्त किए. शमीमा फिरदौस पहले भी 2008 से 2014 तक इस सीट पर जीतती आईं हैं.


सकीना इतू


नेशनल कॉन्फ्रेंस की वरिष्ठ नेता सकीना इतू ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम से चुनाव लड़ा था. उन्होंने 36,623 वोटों के साथ जीत हासिल की. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीडीपी के नेता गुलजार अहमद डार को 17,449 वोटों के अंतर से हराया. सकीना 1996 में सबसे युवा विधायक बनी थीं और कई अहम विभागों में मंत्री रह चुकी हैं.