Farooq Abdullah on Pakistan Terrorism: जम्मू कश्मीर में सफलतापूर्वक लोकसभा चुनाव होने से परेशान पाकिस्तान ने एक बार फिर प्रदेश में आतंक का दुष्चक्र शुरू कर दिया है. रविवार को रियासी में शिवखोड़ी से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस पर फायरिंग और 9 की मौत के बाद बुधवार को फिर एक आतंकी घटना सामने आई. डोडा जिले में गंडोह इलाके के एक गांव में बुधवार शाम आतंकवादियों ने पट्रोलिंग यूनिट पर फायरिंग कर दी. इस गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. 


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बुधवार शाम को पुलिस पट्रोलिंग पार्टी पर हुआ हमला


पुलिस अधिकारी के मुताबिक बुधवार शाम करीब सात बजकर 41 मिनट पर भलेसा के कोटा टॉप इलाके में गोलीबारी की खबर मिली. इसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की. अंतिम रिपोर्ट मिलने तक दोनों पक्षों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी जारी थी. उन्होंने बताया कि घेराबंदी को मजबूत करने के लिए इलाके में अतिरिक्त बल भेजे गए. 


कठुआ में चल रही मठभेड़ में 2 आतंकी हुई ढेर


पिछले 24 घंटों में डोडा में यह दूसरी और जम्मू-कश्मीर में तीन दिनों में चौथी आतंकी घटना है. इससे पहले मंगलवार शाम को चत्तरगल्ला दर्रे में हुए आतंकवादी हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान और एक विशेष पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे. मंगलवार देर रात एक अन्य घटना में कठुआ जिले में सुरक्षा बलों ने एक संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी को मार गिराया. बुधवार को एक दूसरे आतंकवादी को भी मार गिराने के बाद रात भर चली मुठभेड़ समाप्त हो गई, लेकिन इस अभियान में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया. 


फारूक अब्दुल्ला ने अलापा पाकिस्तान राग


उधर पाकिस्तान समर्थिक आतंकी हमलों के बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर पाकिस्तान राग अलापा है. उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ मिलिट्री एक्शन से कुछ नहीं होगा. जब तक पड़ोसी से इस संबंध में आमने-सामने बैठकर बात नहीं होगी, तब तक यह समस्या यूं ही बनी रहेगी. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह किसी विशेष सरकार की समस्या नहीं है. आतंकी पहले भी सीमा पार से आ रहे थे और आगे भी आते रहेंगे. 


'पड़ोसी के साथ बैठकर बात करे भारत'


उन्होंने कहा कि भविष्य में भी जो सरकार बनेगी, उसे भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि समस्या के समाधान का केवल एक ही रास्ता है और वह ये है कि हम अपने पड़ोसी के साथ बैठकर खुले मन से बात करें. उन्होंने छुपी हुई चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द ही यहां पर बड़ी यात्रा (अमरनाथ यात्रा) शुरू होने वाली है. इसमें होने वाली कोई भी छोटी घटना जल्द ही देश के बाकी हिस्सों में भी फैल सकती है. ऐसे में उन चीजों के लिए कश्मीरी जिम्मेदार नहीं होंगे. हमने कभी भी ऐसी बातों का समर्थन नहीं किया है.