Jammu-Kashmir Terror Attack: जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकी हमले में सेना के 5 जवानों को अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देना पड़ा. इस हमले में हमें ऐसे सबूत मिले हैं, जिसमें पाकिस्तान के साथ साथ चीन के हाथ होने के सबूत भी नजर आ रहे हैं. वो सारे सबूत आपके सामने होंगे तो दूसरी तरफ इस हमले में ऐसा खुलासा भी हुआ है जो टेरर के नए मॉड्यूल की तरफ भी इशारा कर रहा है. इस खुलासे ने खुफिया एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है.


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ट्रक पर लगे कारतूस और गोलियों के निशान चीख चीखकर कठुआ हमले में चीन और पाकिस्तान के हाथ की गवाही दे रहे हैं. ये निशान बता रहे हैं कि कैसे पाकिस्तान की दहशतगर्दी से भरी हरकतों में चीन की भी नापाक साजिशें नजर आ रही हैं.


सेना के दो ट्रकों को आतंकियों ने बनाया निशाना


कठुआ के मचेड़ी इलाके में सेना के दोनों ट्रकों को आतंकियों को गोली को निशाना बनाया, जिसमें 5 जवानों ने अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया. दावा किया जा रहा है जो गोलियां यहां चली हैं उन्हें भी चाइनीज हथियारों से ही दागा गया.हमले के बाद इन ट्रकों में जो बुलेट मिले हैं वो मेड इन चाइना ही हैं.


इसका साफ मतलब यही होता है. पाकिस्तान के आतंकियों को चीन हथियार सप्लाई कर रहा है. चीन पाकिस्तान को आतंक फैलाने में मदद कर रहा है.


इस हमले में चीन के हथियारों के अलावा अमेरिका की M4 असॉल्ट राइफल का भी इस्तेमाल किया गया. सवाल ये उठता है कि आखिर ये हथियार आतंकियों के पास कहां से पहुंचे.


2021 में अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से वापस लौटी थी तो अपने हथियार भी छोड़ गई थी. बाद में यही हथियार पाकिस्तान में आतंकी संगठनों तक पहुंचा. अब पाकिस्तान के आतंकी उन्हीं अमेरिकी हथियारों के साथ भारत में हमले कर रहे हैं.


2 ग्रुप्स ने किया हमला


पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कठुआ में 7 से 8 आतंकियों के 2 ग्रुप्स ने हमला किया गया है यानी कठुआ में आतंकियों के 2 ग्रुप एक्टिव हैं. लेकिन परेशान करने वाली बात ये है कि कठुआ में दशकों बाद हमला हुआ है. 90वें के दशक में आतंकियों के लिए कठुआ में हमला करना बेहद आसान था. वो सब दफन हो चुके थे लेकिन सूत्रों के मुताबिक अब चिंता वाली खबर ये है कि पुराने आतंकी एक्टिव हो गए हैं.


हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली है. जाहिर है कोई हिंदुस्तानी तो ऐसे घिनौनेपन में शामिल नहीं होगा. ऐसे में सरहद पार से कोशिश कितनी भी कर ली जाएं, उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. हालांकि सेना के सूत्रों को शक है कि कुछ स्थानीय गाइड आतंकियों के मददगार हो सकते हैं. अब उनकी भी तलाशी की जा रही है.लेकिन इतना तो तय है कि पीठ पर मारा और सीने पर गोलियां दागी जाएंगी. पाकिस्तान हो या फिर ड्रैगन अब कोई भी साजिश अंजाम तक पहुंचने से पहले दम तोड़ देगी.


कठुआ में हुए आतंकी हमले की जगह से सुरक्षाबलों को चीनी बुलेट मिले हैं. साथ ही शक जताया जा रहा है कि आतंकियों के पास अमेरिकी M-4 असॉल्ट राइफल भी मौज़ूद है. आखिर क्या है इस अमेरिकी रायफल की खासियत और क्यों इसे दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार में से एक कहा जाता है. जान लीजिए. 


एम-4 राइफल की खासियतें


भारतीय सेना पर हमला करने के लिए आतंकियों ने जिस M-4 राइफल का इस्तेमाल किया, वो दुनिया की सबसे खतरनाक और आधुनिक राइफल मानी जाती है. ये राइफल कई खूबियों से लैस है.


  • करीब से हमला करने के लिए M-4 राइफल का कोई तोड़ नहीं है. 

  • पास से हमला करने के लिए ये राइफल दुनिया में सबसे अच्छी मानी जाती है.

  • इस राइफल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस राइफल में स्टील की गोलियों का इस्तेमाल होता है.

  •  स्टील की गोलियों से सेना के ट्रकों और बख्तरबंद गाड़ियों को आसानी से भेदा जा सकता है.

  • ये राइफल इतनी ताकतवर है कि अगर सामने वाला शख्स बुलेट प्रूफ जैकेट भी पहने होगा तो भी M-4 कार्बाइन राइफल से चली गोली उसके सीने के आर-पार निकल जाएगी और उसकी तुरंत मौत हो जाएगी.