Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार इसकी वजह राज्य के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी हैं. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के तीन करीबी मंत्रियों को कैकेयी कहा. साथ ही कहा कि ये तीनों कैकेयी नीतीश कुमार को काम नहीं करने दे रहे. सूत्रों की मानें तो मांझी बिहार में एनडीए गठबंधन के कुछ फैसलों से खुश नहीं हैं. अटकलें यह भी हैं कि मांझी आने वाले समय में बड़ा फैसला लेकर सभी को चौंका सकते हैं.


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मांझी के मन में क्या है?


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार के करीबी मंत्रियों का नामकरण किया है. उन्होंने नीतीश के आसपास रहने वाले तीन मंत्रियों को कैकेयी बताया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार काम करना चाहते हैं. लेकिन तीनों कैकेयी उन्हें कोई काम नहीं करने देते. इससे पहले जीतन राम मांझी ने नीतीश को यह भी याद दिलाया कि अगर वे नहीं होते तो फ्लोर टेस्ट में उनकी सरकार गिर जाती. उन्होंने स्पष्ट कहा कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया था, अब मैंने कर्ज उतार दिया है.


नीतीश पर क्यों जता रहे एहसान?


जीतन राम मांझी ने कहा कि अगर उनके चार विधायक नीतीश कुमार का समर्थन नहीं देते तो उनकी सरकार नहीं बचती. उन्होंने आकड़ों में समझाया कि बिहार में सरकार बचाने के लिए नीतीश कुमार को 122 वोटों की जरूरत थी. अगर मेरे 4 विधायक नीतीश कुमार का समर्थन नहीं करते तो वोटों की संख्या 121 रहती. हमारे चार विधायकों के समर्थन के बाद ही यह संख्या 125 हुई.


जेडीयू ने क्या कहा? 


जीतन राम मांझी के बयान पर जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा की हमारे नेता हमेशा कड़े और बड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं. पूरी पार्टी उनके साथ मजबूती के साथ खड़ी है. नीतीश कुमार जी ने हमेशा पार्टी के विधायक और सांसदों से विचार विमर्श करके कोई फैसला किया है. बोलने के लिए कोई कुछ भी अपने राजनीतिक एंगल से बोल सकता है. इस बात पर विशेष टिप्पणी नहीं करनी है.


मांझी को बता दिया मंथरा..


कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी ने कहा की कैकेई की करीबी मंथरा थी. मंथरा को ही पता होगा कि कैकेई क्या-क्या करा रही है. मांझी जी मंथरा हैं.. तब ही उनको पता है कि कैकेई कौन है? माननीय मुख्यमंत्री कुछ और बोलते हैं और कैकेई कुछ और.. मंथरा ही बताएगी कि कैकेई कौन है.


आरजेडी ने भी साधा निशाना


आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि जीतन राम मांझी जी समझ रहे हैं, उनको जो अवसर मिलना चाहिए, वह मिल नहीं रहा है. मांझी जी ने कई बार कहा है कि हमारे साथ अन्याय हुआ है.
वो अन्याय करने वाले कौन लोग हैं? उसको भी आपने स्पष्ट रूप से कहा है. मांझी जी किस तरह की राजनीति करना चाह रहे हैं? किस तरह की सोच को डेवलप करना चाह रहे हैं? वह वही जाने..
जब उनको सब पता है तो वह वहां क्यों बने हैं? उन्हें इस स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि जनता अब दोहरी बात नहीं सुनना चाहती है.


भाजपा ने किया बचाव


वहीं, बीजेपी मांझी के इस बयान पर बचती हुई दिख रही है. पार्टी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि मांझी जी सम्माननीय नेता हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हैं. बुजुर्ग और उम्र दराज हैं. उनके बोलने का अंदाज अलग होता है. वह क्या बोले हैं? इसको मैंने सुना नहीं है. मांझी जी का अपना बोलने का अंदाज होता है.