3 पाकिस्तानी बने हिंदुस्तानी, 17 साल का इंतजार हुआ खत्म, मिली भारत की नागरिकता
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3 पाकिस्तानी बने हिंदुस्तानी, 17 साल का इंतजार हुआ खत्म, मिली भारत की नागरिकता

chhattisgarh news-दुर्ग में रह रहे 3 पाकिस्तानियों को नागरिकता संशोधन अधिनियम ( CAA) के तहत भारत की नागरिकता मिल गई है. यह तीनों लोग 2007 में भारत आए थे. 

 

3 पाकिस्तानी बने हिंदुस्तानी, 17 साल का इंतजार हुआ खत्म, मिली भारत की नागरिकता

cg news-छत्तीसगढ़ के दुर्ग में CAA के तहत 3 पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की नागरिकता मिल गई है. करीब 17 साल के लंबे इंतजार के बाद इन पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिकता मिली है. दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने तीन लोगों को मंगलवार को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किया. यह तीनों लोग एक ही परिवार के हैं.

यह सभी लोग साल 2007 में भारत आए थे. 

दुर्ग में रहता है परिवार
रामी बाई, बेबी हर्षिता और मयंक साल 2007 में पाकिस्तान से भारत आए थे और तब से दुर्ग के वार्ड नंबर 26, सिंधी कॉलोनी में रह रहा था. उस समय परिवार ने भारत की नागरिकता के लिए अप्लाई किया था. अब नागिरकता मिलने के बाद तीनों काफी खुश हैं. रामी देवी ने बताया कि वह दुर्ग की ही रहने वाली हैं. उनकी शादी पाकिस्तान में हुई थी. पति के देहांत के बाद साल 2007 में वह भारत वापस आ गईं थी. 

कलेक्टर ने बताई शुरुआत
कलेक्टर ऋचा चौधरी ने बताया कि यह नागरिकता प्रमाण पत्र केवल कानूनी पहचान ही नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत का प्रतीक है. अब इन्हें भारतीय संविधान और कानून के तहत सभी अधिकार प्राप्त होंगे.उन्होंने परिवार को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. भारत की नागरिकता पाने वाले परिवार का कहना है कि, भारत की नागरिकता मिलने से वो लोग काफी खुश हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को इसके लिए धन्यवाद देते हैं.

CAA से प्रक्रिया हुई आसान
सीएए लागू होने से पहले भारत की नागरिकता पाने के लिए यहां 12 साल से ज्यादा का निवासी होना अनिवार्य था. इतना ही नहीं भारत में नागरिकता पाने की प्रक्रिया भी काफी कठिन थी. अब सीएए लागू होने के बाद से यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है. जिससे लोगों को काफी मदद मिली है. 

कई लोगों को अब भी इंतजार
वहीं दुर्ग जिले में सैकड़ों की संख्या में पाक विस्थापित हिंदू परिवार रह रहे हैं. सभी ने भारत के नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया है. सीएए लागू होने के बाद इनके लिए यह प्रक्रिया काफी सरल हो गई है. बता दें कि सीएए के तहत 2014 से या इससे पहले से भारत में रह रहे पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

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