JJP Dushyant Chautala: हरियाणा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद हर दल अपने-अपने पक्ष में सियासी हवा बनाने में जुटे हैं. इस बीच जजपा जो सत्ता में साझीदार थी अब सिमटती जा रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सीट जीतकर हरियाणा पर राज करने का सपना देख रही पार्टी संकट में है. तब जजपा के अध्यक्ष का रौला कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा से कम नहीं था. जजपा किंग मेकर थी, लेकिन आज मानो केवल घर की पार्टी बनकर रह गई. दुष्यंत चौटाला से उनके करीबी और चहते विधायक बारी-बारी कैसे बिछड़ते गए? ये कहानी हरियाणा के सभी हलकों और छत्तीस बिरादरी में खूब चर्चा में है.


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टोहाना से देवेंद्र बबली, उकलाना से अनूप धानक, गुहला चीका से ईश्वर सिंह, शाहबाद से रामकरण काला और बरवाला से जोगीराम सिहाग और नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा समेत 6 विधायक जजपा का साथ छोड़ चुके हैं.


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विधायकों का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी


बीते कुछ दिनों और महीनों में जजपा के 10 में 6 विधायक पार्टी को टाटा कर चुके हैं. गुरुवार को जींद के नरवाना से MLA रामनिवास सुरजाखेड़ा ने जजपा से हाथ जोड़कर नमस्ते बोला और बाय-बाय कर लिया. पिछले विधानसभा चुनावों में जजपा ने 10 सीटें जीतकर अपनी ताकत बढ़ाते हुए सूबे पर राज करने का सपना देखा था. दस विधायकों के दम पर पार्टी के सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला किंग मेकर की भूमिका में रहे.


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राजनीतिक विरोधी कस रहे तंज


बीजेपी जजपा और चौटाला पर पर्सनल कमेंट करने से अभी तक बच रही है. लेकिन कांग्रेस खूब मौज ले रही है. आज ही कांग्रेस के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा गया- 'अगर विधायक भागने का ओलंपिक में कोई गेम होता तो जजपा भी एक गोल्ड मैडल ले आती.' वहीं दुष्यंत के राजनीतिक विरोधियों का कहना है कि उन्होंने साढ़े चाल साल तक बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चलाई. डबल ब्रेकर की सरकार का हिस्सा बनकर युवाओं का भविष्य बर्बाद किया.


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हरियाणा कांग्रेस (Haryana Congress) ने अपने एक्स हैंडल @INCHaryana से एक और ट्वीट किया उसमें लिखा- 'डबल इंजन की ये भाजपा सरकार चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक भ्र्ष्टाचार में डूबी हुई है.' वहीं कुछ और विरोधियों का कहना है कि साढ़े चार साल कंबल ओढ़कर घी पीते रहे और अब लोगों को फिर से छलावे में लेना चाह रहे हैं. कुल मिलाकर अब जब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं. तारीखों का ऐलान हो चुका है लेकिन जजपा में मची भगदड़ खत्म होने का नाम नहीं ले रही. अब तक दस में छह विधायकों का पार्टी से इस्तीफा होना जजपा सुप्रीमो की परेशानी का सबब बन गया है.


अब बचे 4 जिसमें 2 घर के 2 बागी?


फिलहाल पार्टी में जजपा के 4 MLA बचे हैं. उसमें भी 2 विधायक चौटाला परिवार के हैं. सूत्रों के मुताबिक जजपा के बाकी दो विधायक भी नाराज ही चल रहे हैं. एक विधायक तो पार्टी के खिलाफ मुखर होकर बयानबाजी कर चुके हैं. जजपा विधायक राम कुमार गौतम तो सीधे दुष्यंत चौटाला के खिलाफ बोल चुके हैं. बाकी 3 में उचाना से खुद माननीय दुष्यंत चौटाला, बाढड़ा से उनकी मां नैना चौटाला विधायक बची हैं. वहीं जुलाना से विधायक अमरजीत ढांडा भी कभी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. कुल मिलाकर साफ है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत का पॉलिटिकल करियर दांव पर लग गया है.


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