Jyotiraditya Scindia: ग्वालियर के सिंधिया राजघराने ने क्या 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में लक्ष्मीबाई के साथ दगाबाजी की थी. यह एक ऐसा सवाल है जिसका सामना विजयाराजे सिंधिया से लेकर माधवराव सिंधिया को करना पड़ा. अब कुछ उसी तरह के सवाल का सामना ज्योतिरादित्य सिंधिया कर रहे हैं. मामला चुनावी है लिहाज आरोपों की धार भी तेज है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने कहा कि जिन लोगों का इतिहास ही धोखेबाजी का रहा है.उनसे आप वफादारी की उम्मीद कैसे कर सकते हैं हालांकि इस तरह के आरोप कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने समय समय पर सिंधिया राजघराने पर लगाए हैं.


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धोखेबाजी के इतिहास पर बोले ज्योतिरादित्य


ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जब इस तरह के आरोप कांग्रेस के नेता लगाए तो वो चुप नहीं हुए और करारा जवाब दिया.सिंधिया ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि इस तरह के आरोप लगाने वालों ने इतिहास का एक भी पन्ना ना पढ़ा हो. सच तो यह है कि उनके परिवार के विचार और काम ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, मध्य प्रदेश और देश के लिए समर्पित रहे हैं. उन्होंने कहा कि सवाल तो यह भी है कांग्रेस के जो लोग आज सवाल उठा रहे हैं उन्होंने उनके पिता और उनको पार्टी में क्यों शामिल किया था.


क्या है मामला
दरअसल 21 जुलाई को ग्वालियर में कांग्रेस की मेला मैदान में रैली थी. शहर के सभी इलाकों में पोस्टर लगाकर यह बताया गया कि 1857 में ग्वालियर के तत्कालीन राजा ने लक्ष्मी बाई के खिलाफ अंग्रेजों का साथ दिया था. ये वही लोग हैं जिन्होंने 1967 और 2020 में पार्टी को धोखा दिया. दरअसल 2020 का साल इसलिए अहम है क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेस को अलविदा कहा था. कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने कहा कि यह वही परिवार है जिसने पहले तो रानी लक्ष्मी बाई के साथ धोखा किया बाद में 1967 में कांग्रेस को धोखा दिया हालांकि विजयाराजे सिंधिया का नाम नहीं लिया था.