Kailash Darshan: उत्तराखंड में श्रद्धालु भारतीय भूभाग में 18300 फीट की उंचाई पर स्थित पुराने लिपुलेख दर्रे से तिब्बत में पवित्र कैलाश चोटी के दर्शन 15 सितंबर से कर सकेंगे. पुराना लिपुलेख दर्रा पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी में स्थित है. 


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15 सितंबर से कैलाश पर्वत के दर्शन


पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्य ने बताया कि दर्रे को आम श्रद्धालुओं के लिए इस साल 15 सितंबर से खोल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 15 सितंबर के बाद से श्रद्धालु धारचूला से अपने वाहनों से लिपुलेख तक जा सकेंगे. 


रोक दी गई थी कैलाश-मानसरोवर यात्रा


आर्य ने कहा कि लिपुलेख के बाद श्रद्धालुओं को 800 मीटर की पैदल दूरी तय कर उस जगह तक पहुंचना होगा जहां से उन्हें चोटी दिखाई देगी. कोविड-19 महामारी के कारण 2019 में लिपुलेख दर्रे के जरिए कैलाश-मानसरोवर यात्रा रोक दी गयी थी. 


चीन ने रोक दी थी यात्रा


चीन ने अभी तक इस मार्ग को नहीं खोला है. हांलांकि, आर्य ने कहा कि श्रद्धालु अब बिना किसी अड़चन के लिए भारतीय भूभाग के अंदर से एक बार में ही कैलाश चोटी और ओम पर्वत के दर्शन कर सकते हैं. राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और उनकी पत्नी अमृता ने 22 जून को पुराने लिपुलेख दर्रे से कैलाश चोटी के दर्शन किए थे. 


केंद्र ने दे दी है हरी झंडी


केंद्र सरकार ने उत्तराखंड पर्यटन विभाग को आम श्रद्धालुओं के लिए पुराने लिपुलेख दर्रे को खोले जाने की अनुमति दे दी है. पिथौरागढ की जिलाधिकारी रीना जोशी ने बताया कि पर्यटन विभाग फिलहाल मानक संचालन प्रक्रिया बना रहा है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)