सरकारी बंगले पर धर्मांतरण के लिए लगी जमात? इस सीनियर IAS पर आरोप; वायरल हुआ वीडियो
UP IAS Officer Mohammad Iftikharuddin accused of carrying out propaganda against Hinduism: सीनियर आईएएस को लेकर किए जा रहे दावों के बीच कानपुर पुलिस (Kanpur Police) ने वायरल वीडियो से जुड़े मामले की जांच एडीसीपी (ईस्ट) सोमेंद्र मीणा को सौपी है. ZEE NEWS इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता.
नई दिल्ली: कानपुर (Kanpur) में सीनियर आईएएस अधिकारी (IAS Officer) मोहम्मद इफ्तखारुद्दीन के सरकारी आवास में बने एक वीडियो पर विवाद शुरू हो गया है. विवादास्पद वीडियो वायरल हो चुका है जिसमें एक सरकारी अधिकारी के बंगले पर धर्म परिवर्तन (Relegious Conversion) की पाठशाला चलती दिख रही है. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद यूपी (UP) सरकार ने इसकी एसआईटी (SIT) जांच के आदेश दिए हैं. SIT 7 दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी. इससे पहले सीनियर आईएएस के सरकारी घर में जमात लगाने का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने ADCP (ईस्ट) सोमेंद्र मीणा को मामले की जांच सौंपी थी.
IAS के आवास पर धर्मांतरण की साजिश?
वायरल वीडियो में आईएएस अफसर (IAS Officer) मोहम्मद इफ्तखारुद्दीन के घर पर इस्लाम (Islam) के कट्टरपंथियों की महफिल सजी नजर आई. घर पर चल रहे इस आयोजन में इफ्तखारुद्दीन एक धर्म गुरु के साथ कुछ लोगों के सामने इस्लाम धर्म अपनाने के फायदे बता रहे है. आपको बता दें कि Zee News इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता.
'इस्लामिक वक्ता को यूपी से बड़ी उम्मीद'
इस वीडियो में दिख रहा इस्लामिक वक्ता अधिकारी के बंगले पर मौजूद लोगों को इस्लाम धर्म कबूल करने के फायदे गिनाने के साथ कई मन गढ़ंत कहानियां भी सुना रहा है. वह कहता है कि इस्लाम मे बहन-बेटियों को जलाया नहीं जाता. वो आगे बोलता है कि अल्लाह ने हमे उत्तर प्रदेश (UP) के तौर पर ऐसा सेंटर दिया है जहां से पूरे देश और दुनिया मे काम कर सकते है. इफ्तिखारुद्दीन भी वहां आए लोगों को इस्लामिक कट्टरता का पाठ पढ़ा रहे हैं.
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अल्लाह की बादशाहत कायम करनी है: IAS
वीडियो को लेकर ये दावा किया जा रहा है कि IAS ये कहते नजर आए कि कि ऐलान करो कि अल्लाह की बादशाहत और निज़ामियात पूरी दुनिया मे कायम करनी है. वहीं मुस्लिम वक्ता जब आईएएस के सरकारी आवास में कट्टरता का पाठ पढ़ा रहा था तब आईएएस इफ्तिखारुद्दीन जमीन पर बैठे थे. वीडियो में इस्लामिक वक्ता दावा करता है कि पिछले दिनों पंजाब के एक भाई ने इस्लाम कुबूल किया तो मैंने उनको दावत (बुलाया) नहीं दी थी.
कनवर्जन के लिए 'इस्लाम' की दावत
वीडियो में धर्मांतरण के लिए उकसा रहे वक्ता ने कहा, 'अलबत्ता हम लोग जाते है. तबलीगी जमात करते हैं. पंजाब के भाई ने इस्लाम कुबूल किया तो मैंने पूछा इस्लाम कुबूल क्यों किया तुमने? जिस पर उसने कहा कि बहन की मौत के कारण इस्लाम कबूल किया है. क्योंकि उसको मरने पर जला देंगे. कपड़ा जल गया फिर उसका हाल देखकर मुझे शर्म आई मैं वहां से निकल गया फिर मैंने सोचा कि आज तो मेरी बहन को लोग देख रहे है. मेरी बेटी भी है कल उसको भी लोग देखेंगे मरने के बाद वो भी ऐसे ही जलेगी.फिर मेरे दिल में आया कि इस्लाम से अच्छा कोई धर्म नहीं है. मुझे कुबूल कर लेना चाहिए. ऐसे लोग इस्लाम कुबूल कर रहे है. तो ऐसी-ऐसी चीजें जरिया बन रही हैं लोगों के इस्लाम कबूल करने के लिए.'
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पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब का हवाला
इस पूरे मामले में IAS इफ्तिखारुद्दीन बाकी के दो वीडियो में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब के बारे में बता रहे है. दूसरे वीडियो में उन्होंने कहा, 'ऐलान करो कैसे पूरी दुनिया के इंसानो को अल्लाह और रसूल के मिशन को आगे बढ़ाने में लाना है. पूरी जमी पर अल्लाह का निजाम दाखिल होना है. कैसे होगा यहां पर जो इंसान बैठे है. उनको यह काम करना चाहिए. जरूर करना चाहिए नहीं तो अल्लाह इनको पकड़ेगा.'
सीनियर आईएएस मो. इफ्तिखारुद्दीन के वायरल का मामले में अब एडीसीपी (ईस्ट) सोमेंद्र मीणा उस वायरल वीडियो की जांच करेंगे. कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने एडीसीपी को इस जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.
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