कांग्रेस को करारा झटका! कपिल सिब्बल ने नेतृत्व पर उठाए गंभीर सवाल, कह डाली यह बात
कांग्रेस (Congress) के लगातार कमजोर प्रदर्शन को लेकर पार्टी नेतृत्व निशाने पर है. कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) का कहना है कि देश की जनता अब कांग्रेस को प्रभावी विकल्प के रूप में नहीं देखती है.
नई दिल्ली: बिहार विधान सभा चुनाव (Bihar Election) में खराब प्रदर्शन को लेकर एक बार फिर से कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं और सवाल उठाने वाले कोई और नहीं बल्कि पार्टी के ही नेता हैं. तारिक अनवर (Tariq Anwar) के बाद अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने इशारों-इशारों में राहुल (Rahul Gandhi) और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पर निशाना साधा है. उन्होंने यहां तक कह दिया है कि जनता कांग्रेस को प्रभावी विकल्प के रूप में नहीं देखती.
हर जगह बुरा हाल
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में सिब्बल ने कहा, ‘बिहार ही नहीं, विभिन्न राज्यों के उपचुनावों के नतीजों से ऐसा लग रहा है कि लोग कांग्रेस को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं. बिहार में विकल्प तो आरजेडी ही है. गुजरात उपचुनाव में हमें एक भी सीट नहीं मिली. लोकसभा चुनाव में भी यही हाल रहा था. उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुछ सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को 2 फीसदी से भी कम वोट मिले, जो निश्चित तौर पर चिंता का विषय है’.
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अनवर ने भी उठाये थे सवाल
इससे पहले बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारीक अनवर ने भी कहा कि बिहार चुनाव परिणाम पर पार्टी के अंदर मंथन होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने में देरी का खामियाजा महागठबंधन को उठाना पड़ा. कांग्रेस को इससे सीखना चाहिए और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन की औपचारिकताओं को अच्छी तरह से पूरा करना चाहिए.
...तो होता रहेगा नुकसान
तारीक अनवर से जुड़े एक सवाल के जवाब में कपिल सिब्बल ने कहा, ‘यदि छह सालों में कांग्रेस ने आत्ममंथन नहीं किया तो अब क्या उम्मीद है? हमें कांग्रेस की कमजोरियां पता हैं, हमें पता है सांगठनिक तौर पर क्या समस्या है. मुझे लगता है कि इसका समाधान भी सबको पता है. कांग्रेस पार्टी भी यह अच्छी से जानती है, लेकिन वे इन उपायों को अपनाना नहीं चाहते. यदि वे ऐसा ही करते रहेंगे तो प्रदर्शन का ग्राफ यूं ही गिरता रहेगा’.
उम्मीद नहीं कर सकते
जब सिब्बल से पूछा गया कि यदि कांग्रेस हकीकत से वाकिफ है, तो आखिर उपायों को अपनाने में हिचकिचाहट कैसी? इस पर उन्होंने कहा कि क्योंकि कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) एक नॉमिनेटेड बॉडी है. सीडब्ल्यूसी के संविधान में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को शामिल करना होगा. आप नामित सदस्यों से यह सवाल उठाने की उम्मीद नहीं कर सकते कि कांग्रेस चुनाव दर चुनाव कमजोर क्यों होती जा रही है.
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मैं विवश हूं
मालूम हो कि कपिल सिब्बल सहित 22 कांग्रेसी नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर व्यापक स्तर पर पार्टी में सुधारों की मांग की थी. इस बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘तब से अब तक इस विषय में कोई बातचीत नहीं हुई है. पार्टी नेतृत्व द्वारा संवाद का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. चूंकि अपने विचार व्यक्त करने के लिए कोई मंच नहीं है, इसलिए मैं सार्वजानिक रूप से ऐसा करने पर विवश हूं’. बता दें कि इस पत्र को लेकर CWC की बैठक में जमकर हंगामा हुआ था.