Karnataka Assembly Election 2024: देश भर की राजनीतिक पार्टियों के लिए कर्नाटक का विधानसभा चुनाव (Karnataka assembly elections) किसी सीरियस नेट प्रैक्टिस की तरह होगा और जो यहां दम भर कर मैदान में उतरेगा, उसे जरूर 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ा फायदा मिलेगा. लोकसभा चुनाव के परिणाम क्या होंगे, यह तो तभी पता चलेगा, फिलहाल राजनीतिक जानकारों का यही कहना है कि 2024 लोकसभा चुनाव पर इसका असर देखने को जरूर मिलेगा. कर्नाटक में जीत के लिए बीजेपी (BJP) ने येदियुरप्पा (Yediyurappa) पर दाव खेला है. 80 साल के येदियुरप्पा बीजेपी की नाव को कितना आगे ले जा सकते हैं, एनडीए इस बात को भलीभांति समझती है.


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बीजेपी ने येदियुरप्पा पर अपना भरोसा मजबूत किया


कर्नाटक विधानसभा चुनाव होने से पहले बीजेपी ने येदियुरप्पा पर अपना भरोसा मजबूत किया है. कर्नाटक की राजनीतिक (Karnataka Politics) समझ रखने वाले बताते हैं कि येदियुरप्पा कर्नाटक के वोटरों (Karnataka Voters) की बड़ी संख्या पर अच्छी पकड़ रखते हैं. ऐसे में कर्नाटक के पूर्व सीएम रह चुके यदियुरप्पा बीजेपी के लिए फिट चेहरा बैठते हैं. आपको बता दें कि साल 2007 से लेकर साल 2019 तक येदियुरप्पा कर्नाटक के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ऐसे में कर्नाटक की राजनीति पर भी यदियुप्पा की बहुत तगड़ी समझ और पकड़ है.


लिंगायत समुदाय से आते हैं यदियुरप्पा


आपको बता दें कि यदियुरप्पा लिंगायत समुदाय (Lingayat community) से आते हैं, जिनकी पूरे राज्य में आबादी कुल 18 फीसदी है. 18 फीसदी वोट बैंक इलेक्शन को किसी एक पार्टी के फेवर में मोड़ सकती है. हालांकि प्रदेश के सीएम बोम्मई (CM Bommai) भी इसी समाज से ताल्लुक रखते हैं लेकिन माना जाता है कि यदियुरप्पा का जितना इनफ्लुएंस सीएम बोम्मई का इस समाज पर नहीं है. इसके अलावा कर्नाटक में हुए घोटालों का आरोप भी सीएम पर लगा है ऐसे में सीएम बोम्मई की छवि थोड़ी सी बिगड़ी भी है.


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