Karnataka Election Result: कर्नाटक में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में वापसी कर रही है. कांग्रेस बहुमत के आंकड़े को छू सकती है. बड़ी जीत की ओर बढ़ रही कांग्रेस ने भाजपा को जोर का झटका दिया है. चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद भाजपाइयों में उदासी सी छा गई है. कांग्रेस की जोरदार वापसी में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ चार ऐसे चेहरे भी शामिल हैं, जिनका जिक्र बेद कम हुआ है. आइये आपको बताते हैं कांग्रेस के उन चार चाणक्य के बारे में.


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​एमबी पाटिल


कर्नाटक में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए एमबी पाटिल ने धारदार राजनीति की. लिंगायत में अच्छी पकड़ रखने वाले पाटिल ने कांग्रेस की कैंपेन कमिटी की बागडोर संभाल रखी थी, वे इस कमिटी के चेयरमैन भी थे. कांग्रेस की डोर-टू-डोर कैंपेन के पीछे सबसे बड़ा हाथ पाटिल का माना जाता है. इतना ही नहीं जगदीश शेट्टार को कांग्रेस में लाने का श्रेय भी एमबी पाटिल को दिया जा रहा है. पाटिल कुमारस्वामी के सरकार में गृहमंत्री थे. एमबी पाटिल के पिता बीएम पाटिल भी दिग्गज नेता थे और उनकी सिद्धारमैया अच्छी दोस्ती थी.


शशिकांत सेंथिल


भाजपा पर हिन्दुत्व के नाम पर लोगों को बांटने का आरोप लगाने वाले शशिकांत सेंथिल ने कांग्रेस की जीत के लिए पूरा दम-खम लगा दिया. IAS की नौकरी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सेंथिल को चुनाव वार रूम की जिम्मेदारी दी गई थी. वे 2009 कैडर के IAS अफसर थे. 10 साल की सेवा के बाद उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए 2019 में इस्तीफा दे दिया था. कर्नाटक की हर एक सीट का मूड और जीत के मुद्दे के बारे में वॉररूम ने रिपोर्ट तैयार की और आलाकमान को भेजी. भाजपा के हर बयान का मुंहतोड़ जवाब कांग्रेस के चुनावी वाररूम से बखूबी दिया गया.


​सुनील कानुगोलू


डेटा एनालिसिस में बड़े-बड़ों को पीछे छोड़ देने वाले सुनील कानुगोलू ने भी कांग्रेस को जीत का स्वाद चखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कर्नाटक कांग्रेस दिग्गज रणनीतिकार कानुगोलू अपने काम के प्रति समर्पित रहे. कैंपेन, सर्वे और उम्मीदवारों के सेलेक्शन तक में कानुगोलू ने अहम भूमिका निभाई. बेल्लारी से वास्ता रखने वाले कानुगोलू ने अमेरिका से एमबीए किया है. 2009 में वह भारत लौटे और प्रशांत किशोर की टीम के साथ भी काम किया. पे-सीएम और रेट कार्ड जैसी मुहिम के पीछे कानुगोलू का दिमाग माना जाता है.


​जी परमेश्वर


अब बात करते हैं जी परमेश्वर की. जी परमेश्वर के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है. 62 पन्नों के घोषणा पत्र की ज्यादातर बातें कांग्रेस के लिए सही साबित हुईं. चाहे गृह ज्योति योजना के तहत हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली या फिर गृह लक्ष्मी स्कीम में परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये प्रति माह की गारंटी, सभी ने कर्नाटक की जनता पर अच्छा प्रभाव छोड़ा. ऐसा पहली बार देखा गया कि कांग्रेस ने राज्य में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग घोषणा पत्र तैयार किया. कर्नाटक में कुमारस्वामी जब सीएम थे तब परमेश्वर डिप्टी सीएम थे.