नई दिल्ली : संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' में बदलाव करते हुए उसका नाम अब 'पद्मावत' कर दिया गया है. लेकिन नाम बदलने के बाद भी फिल्म के साथ जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस फिल्म का शुरू से ही विरोध कर रही करणी सेना ने फिर से चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर फिल्म को प्रदर्शित किया गया तो वह पूरे देश में धरने-प्रदर्शन करेगी. करणी सेना ने फिल्म में लगे पैसे की भी जांच कराने की मांग की है. इस फिल्म में दीपिका पादुकोण ने रानी पद्मावती की भूमिका अदा की है.


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करणी सेना ने आज शु्क्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार ने हमें आश्वासन दिया था लेकिन फिर भी किसके दबाव में फ़िल्म को हरी झंडी दे दी गई. सेना ने कहा है कि पूरा देश जलेगा अगर पद्मावती रिलीज़ हुई, हम हिंसा नहीं चाहते हैं पर हमें मजबूर न किया जाए. बता दें कि 30 दिसंबर को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म ‘पद्मावती’ को बिना किसी कट के ‘यूए’ सर्टिफिकेट देने का फैसला किया था, लेकिन फिल्म के निर्देशक को इसका नाम बदलकर ‘पद्मावत’ और चार अन्य बदलाव करने का भी सुझाव दिए थे.


सेंसर बोर्ड पर आरोप लगाते हुए सेना के नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी कहा कि सेंसर बोर्ड प्रमुख प्रसून जोशी को हटा देना चाहिए. पूरी फिल्म पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा कि अब तक फिल्म बनाने वाले संजय लीला भंसाली जेल से बाहर कैसे हैं. फिल्म के बजट पर सवाल उठाते हुए सेना ने कहा कि जिस समय देश में नोटबंदी लागू हुई थी, आम आदमी एक-एक पैसे के लिए तरस रहा था, उस समय इस फिल्म को करोड़ों की फंडिंग कहां से हुई, इस बात की जांच की जानी चाहिए.


पद्मावती: 'सिर काटने के लिए किसी ने रखा 10 लाख तो किसी ने रखा 10 करोड़ का इनाम' 


करणी सेना ने कहा कि सेना प्रसून जोशी, स्मृति इरानी और राजवरधन राठौड़ का इस्तीफ़ा मांगेगी और उनका पुतला जलाएगी. बता दें कि फिल्मी पद्मावती के प्रदर्शन के खिलाफ करणी सेना के विरोध चलते इसका प्रदर्शन नहीं हुआ था. इस फिल्म के विरोध में देशभर में धरने-प्रदर्शन हुए और फतवा जारी किए गए थे.करणी सेना ने फिल्म की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भी धमकी दी थी.