तिरुवनंतपुरम: केरल में सोने की तस्करी के मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए एनआईए ने राज्य में कई स्थानों पर छापेमारी की. हालांकि, विपक्ष के बढ़ते हमले के बीच मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए एक 'सुनियोजित अभियान' चलाया जा रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिनराई विजयन ने बताया कि राजनयिक सामान से जुड़े मामले की जांच आगे बढ़ेगी और दोषियों को कठघरे में लाया जाएगा. जब हवाई अड्डे से सीमा शुल्क विभाग द्वारा सामान की जब्ती की खबर आई तो एक राजनीतिक दल के नेता ने राज्य सरकार पर दोष मढ़ने की कोशिश की और कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय के किसी व्यक्ति ने सीमा शुल्क अधिकारियों को प्रभावित करने का प्रयास किया.


विजयन ने कहा, ‘हालांकि हम सभी जानते हैं कि बाद में क्या हुआ. ये राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने के उनके सुनियोजित अभियान का हिस्सा था.’


बता दें कि एनआईए ने मामले की जांच के सिलसिले में कई फ्लैटों और कार्यालयों सहित शहर के कई स्थानों पर तलाशी ली. इससे पहले शनिवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के वाणिज्यिक दूतावास में सुरक्षाकर्मी के रूप में तैनात केरल के पुलिसकर्मी जय घोष का निजी अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवाया गया. जय घोष ने कथित तौर पर आत्महत्या करने की कोशिश की थी.


ये भी पढ़े- केरल गोल्ड स्कैंडल: NIA की बड़ी कार्रवाई, स्वप्ना सुरेश समेत 4 लोग गिरफ्तार


जय घोष के परिजनों के मुताबिक वो गुरुवार रात से लापता था और उसे शुक्रवार की सुबह थुम्बा स्थित अपने घर के पास पाया गया. कथित तौर पर घोष की कलाई कटी हुई थी और खून बह रहा था फिर घोष को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया.


एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'मजिस्ट्रेट अस्पताल आए और उन्होंने उसका बयान दर्ज किया. पुलिस ने अभी तक पूछताछ नहीं की है, उसकी हालत स्थिर है.'


ये भी देखें-



ये घटना सोने की तस्करी के सनसनीखेज मामले के बीच सामने आई है जिसमें यूएई के वाणिज्यिक दूतावास के सामान में सोना छिपाकर लाया गया था. घोष पहले यहां हवाई अड्डे पर तैनात था और वो 2017 से वाणिज्यिक दूतावास पर कार्यरत है. कथित तौर पर उसने तस्करी के मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश से पांच जुलाई को तीन बार संपर्क किया था. जिस दिन सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा 15 करोड़ रुपए मूल्य का सोना जब्त किया गया था. मामले की छानबीन सीमा शुल्क विभाग और राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा की जा रही है.