Kisan Andolan: सरकार ने मान ली थी किसानों की 13 में से 10 मांगे, 3 पर चर्चा करने का दिया आश्वासन
Kisan Andolan: MSP समेत कई मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं, जिसे देखते हुए दिल्ली के हर एंट्री प्वाइंट पर सुरक्षा अभेद्द कर दी गई है.
Kisan Andolan Demands: MSP समेत कई मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं. इसे लेकर दिल्ली की सभी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गई हैं और यातायात पाबंदियां लागू की गई हैं. इस बीच खबर है कि सरकार ने किसानों की 13 मांगों में से 10 मांगे तुरंत मान ली है.
सरकार ने 3 मांगों पर चर्चा का दिया आश्वासन
सूत्रों के अनुसार, किसानों की 13 मांगों में से 10 मांगे सरकार ने तुरंत मान ली है. किसान नेताओं के साथ 2 दौर की बातचीत हुई है. इसमें सरकार ने 13 में से 10 मांगे तुरंत मान ली थी, जबकि 3 मांगो पर चर्चा और विचार विमर्श करने का आश्वासन दिया है. हाल ही में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून और कर्ज माफी पर सहमति नहीं बन पाई थी.
क्या है किसानों की मांग?
- सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बने.
- डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो.
- किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ हो.
- 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए.
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए.
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए.
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये दिहाड़ी दी जाए.
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले.
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए.
- मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
- संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.
पिछली बार 378 दिन चला था किसानों का आंदोलन
इससे पहले साल 2020 में किसानों तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चलाया था. 17 सितंबर 2020 को किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन शुरू किया था. तब 378 दिनों तक आंदोलन चला था और दावा किया गया था कि इस दौरान 700 किसानों की मौत हुई थी. हालांकि, गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया था, जिसके बाद किसानों ने 11 दिसंबर 2021 को आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया था.