RG Kar Hospital Rape murder case: आरजीकेआर अस्पताल की डॉक्टर को इंसाफ दिलाने के लिए सीबीआई अब कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत केस से जुड़े कई अन्य लोगों के पॉलीग्राफिक टेस्ट कराने की तैयारी में है. इस सिलसिले में CBI अफसरों ने घोष से आज फिर से कई सवालों के जवाब मांगे हैं. जांच सूत्रों के मुताबिक शनिवार की जांच में आरजीकेआर पूर्व प्रिंसिपल घोष ने दावा किया है कि उन्हें पीजीटी डॉक्टर की मौत के बारे में 9 अगस्त की सुबह 10:20 बजे पता चला था. इससे करीब 50 मिनट पहले फर्स्ट इयर के पीजीटी छात्र ने डॉक्टर की बॉडी को सुबह 9:30 बजे पीड़ित को सेमिनार हॉल में देखने के बाद आरजीकेआर पुलिस चौकी को इत्तेला दी थी. उसी समय टाला पुलिस थाने तक इस की सूचना दी गई. जिसका रिकॉर्ड पुलिस थाने में जीडी संख्या 542 सुबह 10:10 बजे दर्ज है. 


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घोष की जुबान से सच बाहर कैसे आएगा?


सूत्रों के मुताबिक कई दिनों से घोष सीबीआई को गुमराह कर रहा है. बीते 18 दिनों से वो लगातार एक ही बात बार बार दोहरा रहा है. जैसे उसे किसी ने रटारटाया जवाब देने को कहा हो. वो वही बातें बोल रहा है जो उसने कोलकाता पुलिस की पूछताछ में बताई थीं. घोष का दो बार पॉलीग्राफ टेस्ट हो चुका है, इसके बावजूद सीबीआई उसकी जुबान से सच को नहीं निकलवा पाई है. घोष के मुताबिक, आरजीकर अस्पताल में रेस्पिरेटरी मेडिसीन के एसोसिएट प्रोफेसर सुमित रॉय तापदार ने सुबह 10 बजे उसे मोबाइल पर फोन करके इस वारदात की जानकारी देने की कोशिश थी, लेकिन वो वॉशरूम में नहाने की वजह से फोन नहीं उठा पाया  था.


गलतियों पर पर्दा डालनेकी कोशिश?


उधर सियासत भी चरम पर है. ममता बनर्जी की चिट्ठी पर केंद्र ने बाकायदा आंकड़ों के साथ जवाब दिया है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दूसरे पत्र का जवाब दिया है. इसमें बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर सख्त कानून और सजा की मांग की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित अपने दूसरे पत्र में ममता बनर्जी ने बलात्कार और हत्या के मामलों को समयब द्ध तरीके सेनिपटानेके लिए अनिवार्य प्रावधान की मांग की थी. ये दोनों पत्र कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की सीबीआई जांच के बीच आए हैं.


केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णादेवी ने ममता बनर्जी को दिए अपने जवाब मेंकहा, 'पश्चिम बंगाल मेंफास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) और विशेष POCSO कोर्ट की स्थिति के बारे में आपके पत्र मेंदी गई जानकारी के संबंध में मैं यह उल्लेख करना चाहूंगी कि कलकत्ता हाईकोर्ट सेप्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTC) स्थापित किए हैं. यह केंद्र सरकार की योजना के तहत आनेवालेफास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) के समान नहीं हैं.'


(इनपुट: भाषा)