VIDEO: मोदी का स्वागत करने पहुंची ममता बनर्जी को रास्ते में मिला कीचड़, तो पीएम ने ऐसे दिखाया रास्ता
पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कोलकाता में विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49 वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे. एयरपोर्ट पर सबसे पहले राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने उनका स्वागत किया.
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कोलकाता में विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49 वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे. एयरपोर्ट पर सबसे पहले राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने उनका स्वागत किया. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी फूल और शॉल लेकर प्रधानमंत्री का स्वागत करने पहुंची. इस दौरान जब वे आगे बढ़ीं तो पीएम की नजरें सामने कीचड़ पर पड़ी. इसके बाद ममता बनर्जी को कीचड़ से बचाने के लिए पीएम उन्हें रुकने और दूसरे रास्ते से आने का इशारा करते दिखे.
पीएम ने ऐसे बचाया ममता बनर्जी को
कोलकाता में शांति निकेतन पहुंचने पर सीएम ममता बनर्जी पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए मौजूद थी. प्रधानमंत्री के पहुंचने पर वे उनकी ओर बढ़ीं. पीएम मोदी भी आगे की ओर बढ़े तब उनका ध्यान सामने सफेद पाउडर से ढका दिखा. उन्हें एहसास हुआ कि जमीन के इस हिस्से पर कीचड़ है. इस बीच ममता बनर्जी अपने गार्ड्स के साथ प्रधानमंत्री की ओर बढ़ती हुई उसी रास्ते पर आ रही थीं. उन्हें आता देख पीएम मोदी ने हाथ से इशारा कर उन्हें रुकने के लिए कहा, इसके बाद उन्होंने दूसरे रास्ते की ओर इशारा किया, जहां की जमीन सूखी हुई थी.
पीएम मोदी द्वारा रुकने व सूखा रास्ता दिखाए जाने के बाद ममता बनर्जी कीचड़ में जाने से बच गईं और कीचड़ की दूसरी ओर से प्रधानमंत्री तक पहुंची. इसके बाद उन्होंने उन्हें शॉल उड़ाई और फूलों का गुलदस्ता दिया. जिसके बाद वे कार्यक्रम के लिए रवाना हुए.
कोलकाता: शांति निकेतन में पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, आप एक कदम चलेंगे तो सरकार 4 कदम चलेगी
पीएम मोदी ने मांगी छात्रों से माफी
पीएम नरेंद्र मोदी ने विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49वें दीक्षांत समारोह के दौरान वहां मौजूद स्टूडेंट्स को भी संबोधित किया. अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने सबसे पहले छात्र-छात्राओं से माफी मांगी. पीएम ने कहा, 'मैं समारोह स्थल पर आया तो यहां पर मौजूद कुछ स्टूडेंट्स ने मुझे इशारे से बताया कि यहां पीने का पानी भी नहीं है. आप सभी को जो भी असुविधा हुई है, चांसलर होने के नाते मेरा दायित्व बनता है कि मैं सबसे पहले आप सभी से क्षमा मांगू'.
आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि 'पीएम होने के नाते मुझे देश के कई विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने का अवसर मिला, लेकिन वहां मैं अतिथि के रूप में जाता था, लेकिन यहां मैं अतिथि के रूप में नहीं, बल्कि आचार्य के नाते आपके बीच आया हूं. यहां मेरी भूमिका इस महान लोकतंत्र के कारण है.'