बेंगलुरू: कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार मंगलवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने में सफल नहीं. बहुमत परीक्षण के दौरान बीजेपी के पक्ष में 105 जबकि कांग्रेस-जेडीएस सरकार के पक्ष में 99 वोट पड़े. इस तरह से छह वोट से कुमारस्वामी सरकार विश्वास मत हार गई. इसी के साथ राज्य में करीब तीन हफ्ते से चल रहे सियासी नाटक का पटाक्षेप हो गया. देर रात राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कर्नाटक में लालच की जीत हुई.


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राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, "पहले दिन से ही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को निहित स्वार्थ वाले लोग निशाने पर लिए थे. ऐसे लोगों को यह गठबंधन खतरा नजर आ रहा था और सत्ता पाने में उनके रास्ते की बाधा था. आज कर्नाटक में लालच की जीत हुई. लोकतंत्र, ईमानदारी और कर्नाटक के लोगों की हार हुई."


 



 



इससे पहले, कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने कर्नाटक के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "कर्नाटक की सरकार को केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मिलकर गिराया है. कांग्रेस पूरे देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी."


कांग्रेस नेता एचके पाटिल ने कहा, "कांग्रेस-जेडीएस विश्वासमत हासिल नहीं कर सकी. यह हार इसलिए हुई क्योंकि हमारे विधायकों ने हमें धोखा दिया है. हम कई चीजों के प्रभाव में आ गए थे. कर्नाटक के लोग इस तरह की घोखेबाजी को सहन नहीं करेंगे." 


 


 


मायावती ने कर्नाटक में बसपा विधायक को पार्टी से निकाला
उधर, बसपा प्रमुख मायावती ने कर्नाटक में पार्टी के एकमात्र विधायक को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया. पार्टी ने कर्नाटक में विश्वास मत के दौरान अपने विधायक को कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में मत डालने के लिए कहा था लेकिन विधायक कार्रवाई में शामिल नहीं हुए. मायावती ने ट्वीट किया, "बसपा विधायक एन.महेश को कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में मत डालने के लिए निर्देश दिए गए थे लेकिन, वह सदन से अनुपस्थित रहे। यह स्पष्ट तौर पर अनुशासनहीनता है और पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है। महेश को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है."