EVM controversy: कांग्रेस सांसद ने उमर अब्दुल्ला पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपने तथ्यों की जांच करनी चाहिए. उन्होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर उमर का पुराना बयान साझा करते हुए पूछा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके सहयोगी दलों के प्रति यह रवैया क्यों बदल गया है.
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Omar Abdullah EVM statement: हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस और विपक्ष ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर भले ही सवाल उठाए लेकिन बीजेपी लगातार जवाब देती रही. इस बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम का समर्थन करते हुए कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस को ही घेर लिया. ईवीएम को लेकर इंडिया गठबंधन के कई दलों सवाल खड़े किए, लेकिन उमर अब्दुल्ला इन आरोपों को निराधार बता दिया. अब उनके इस बयान पर कांग्रेस के नेता मणिकम टैगोर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
'तथ्यों की जांच करनी चाहिए'
असल में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने उमर अब्दुल्ला पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपने तथ्यों की जांच करनी चाहिए. उन्होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर उमर का पुराना बयान साझा करते हुए पूछा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके सहयोगी दलों के प्रति यह रवैया क्यों बदल गया है. टैगोर ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी सीडब्ल्यूसी के उस प्रस्ताव का जिक्र भी किया, जिसमें ईवीएम से जुड़े मुद्दे को केवल चुनाव आयोग के सामने उठाने की बात कही गई थी.
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा था ?
हुआ यह था कि उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दो टूक कहा था कि कांग्रेस को चुनावी हार के लिए ईवीएम को बलि का बकरा बनाना बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब इसी ईवीएम के जरिए आपके सौ से अधिक सांसद संसद पहुंचते हैं, तो आप इसे स्वीकार करते हैं, लेकिन जब नतीजे आपके खिलाफ आते हैं, तो इसे दोष देने लगते हैं. उमर ने बीजेपी का पक्ष दोहराते हुए कहा कि हार स्वीकार करने की हिम्मत होनी चाहिए.
फिलहाल इस पूरे विवाद के बाद विपक्ष में भी मतभेद साफ नजर आ रहे हैं. शिवसेना-यूबीटी, एनसीपी और समाजवादी पार्टी जैसे दलों ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं, जबकि उमर अब्दुल्ला और अन्य कुछ नेता इस पर बीजेपी का समर्थन करते दिख रहे हैं.
बता दें कि हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद विपक्ष की ईवीएम पर नाराजगी सामने आई थी. इन चुनावों में बीजेपी ने अपने मजबूत प्रदर्शन से विपक्षी गठबंधन को करारी शिकस्त दी. इंडिया गठबंधन के नेताओं का कहना है कि जनता को ईवीएम पर भरोसा नहीं हो रहा है, लेकिन उमर अब्दुल्ला का बदला हुआ रुख चर्चा में है.. एजेंसी इनपुट