नई दिल्ली: भारत और चीन (India-china) की सेनाओं के बीच मंगलवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की एक और दौर की वार्ता हो रही है ताकि पूर्वी लद्दाख में तनाव (Ladakh standoff) को कम किया जा सके और संवेदनशील क्षेत्र से सेनाओं को पीछे करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा सके. भारत के चुशूल सेक्टर में वार्ता हो रही है. वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे हैं. 


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पहले दो दौर की वार्ताओं में भारतीय पक्ष ने यथास्थिति की बहाली और गलवान घाटी, पैंगोंग सो और अन्य क्षेत्रों से हजारों चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर दिया था. पहली दो बैठकें मोल्दो में एलएसी पर चीन की तरफ हुई थीं. 


पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर पिछले सात सप्ताह से भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं. 15 जून को गलवान घाटी में हुए संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के वीरगति को प्राप्त होने के बाद तनाव कई गुना बढ़ गया है. दूसरे दौर की वार्ता में 22 जून को दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव वाले स्थानों पर 'पीछे हटने' के लिए 'परस्पर सहमति' बनी थी. 


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सूत्रों ने कहा कि आज की बातचीत में सुरक्षाबलों को पीछे हटाने को लेकर हुए फैसले को क्रियान्वित करने की दिशा में आगे बढ़ने पर दोनों पक्षों के चर्चा करने की उम्मीद है. गलवान में दोनों पक्षों के बीच 15 जून की रात को हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद दोनों पक्षों ने कम से कम तीन दौर की मेजर जनरल स्तर की वार्ता की ताकि तनाव को कम करने के तरीकों का पता लगाया जा सके.