नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में इस समय टिड्डी दल के हमले का खतरा मंडरा रहा है. जिसके चलते कृषि विज्ञान केंद्र, दिल्ली ने किसानों को संभावित संकट से निपटने के लिए उपाय बताए हैं. बता दें कि टिड्डी कीट समूह एक साथ चलता है और ये एक दिन के अंदर 100 से 150 किलोमीटर का सफर तय कर लेता है. टिड्डी समूह एक दिन में औसतन 10 हाथियों, 25 ऊटों या 2500 लोगों के बराबर भोजन कर लेता है.


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बता दें कि टिड्डियों के हमले की आशंका के मद्देनजर दिल्ली के साउथ और वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके अलावा डेवलपमेंट सेक्रेटरी, डिवीजनल सेक्रेटरी, डिवीजनल कमिश्नर और एग्रीकल्चर एवं हॉर्टिकल्चर के निदेशक को जरूरी कदम उठाने के लिए निर्देश दिए गए हैं.


टिड्डी दल सामूहिक तौर पर लाखों की संख्या में झुंड बनाकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. खास तौर पर इनका निशाना हरे पत्ते होते हैं. ज्यादातर  टिड्डी दल शाम के वक्त आता है और जमीन पर बैठ जाता है. इनके रुकने की जगह पेड़, झाड़ियां और फसलें होती हैं. अगली सुबह टिड्डी दल आगे का सफर शुरू करता है.


टिड्डियों के नियंत्रण के उपाय:
- टिड्डियों के प्रवेश करने पर ढोल, नगाड़े और थाली बजाकर तेज आवाज उत्पन्न करके टिड्डियों को खेत, फसलों और पौधों पर बैठने से रोक सकते हैं.
खेत के किनारे पर नालियां बनाकर उसमें पानी भर दें और इनमें गिरने वाले अंडे या बच्चे मिट्टी में दबा दें.
लाइट ट्रेप का प्रयोग करें.
सूखे मिर्च के पौधे को खेतों में जलाएं जिससे एक जहरीली गंध पैदा होती है और टिड्डी दल भाग जाता है. इसके अलावा मिर्च पाउडर को घास के साथ जलाएं और उसमें थोड़ा तेल डाल दें.
जब टिड्डियों का दल खेत के पास आने की संभावना हो तो उसी समय खेत पर जगह-जगह आग जलाकर धुआं करें जिससे टिड्डियां उस जगह से दूर हो जाती हैं.
खेत में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर छोटे-छोटे कचरे की ढेरियां बनाकर रखें ताकि टिड्डियां आने पर उनको जलाकर धुआं किया जा सके.
टिड्डियो से निपटने के लिए रासायनिक दवाओं का प्रयोग भी किया जा सकता है. लेम्बडा कीहालोथ्रिन (5ईसी.) 800 मिली (2 मिली/प्रति लीटर) या क्लोरपाइरीफास (50 ईसी.) 1.2 लीटर (3 मिली/प्रति लीटर) या मेलाथियान (50 ईसी.) 1.85 लीटर (4 मिली/प्रति लीटर) या प्रिफ्रोनिल 400 मिली (1 मिली/प्रति लीटर) हेक्टेयर की दर से 400 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें या पाउडर फैलवनेरेट 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से फसल में छिड़काव करें.


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