नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की बारासात लोकसभा सीट अपने ऐतिहासिक और भौगोलिक स्थिति के कारण भी प्रसिद्ध है. संसदीय राजनीति में यह सीट ज्यादातर समय वामपंथी दलों के पास रही है, जहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और फारवर्ड ब्लॉक के प्रतिनिधि संसद पहुंचते रहे हैं, लेकिन पिछले 2 लोकसभा चुनावों से सत्तासीन ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस यहां पर कब्जा करते हुए आ रही है.


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साल 1957 से 1962 तक यह सीट कांग्रेस के अरुण चंद्र के हाथ में रही. 1967 और 1971 में CPI के रणेंद्र नाथ इस सीट से सांसद बने. 1977 और 1980 में AIFB के चित्त बसु, 1984 में कांग्रेस के तरुण कांति इस सीट से चुनाव जीते. 1989, 1991 और 1996 में फॉरवर्ड ब्लॉक के चित्त बसु, 1998 और 1999 में TMC के रंजीत कुमार, 2004 में फॉरवर्ड ब्लॉक के सुब्रत बोस ने जीत हासिल की.


इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं, जिनमें हाबरा, अशोकनगर, राजरहाट न्यू टाउन, बिधाननगर, मध्यग्राम, बारासात व देगंगा शामिल हैं.