भोपाल: मध्य प्रदेश में उपचुनाव की डेट जारी होने की खबर लगते ही पांच विभागों में 148 अफसरों के तबादले कर दिए गए. तबादले के वक्त विभाग ने जल्दबाजी में एक साल पहले ट्रांसफर हुए अधिकारियों को भी नजरअंदाज कर दिया. ऐसा ही एक मामला बैरसिया एसडीओपी का आया है. तबादला सूची में नीतू ठाकुर को बैरसिया से भोपाल आईजी कार्यालय में तबादला करना बताया जा रहा है, जबकि उनका तबादला एक साल पहले ही हो चुका था. 


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खबर के मुताबिक चुनाव आयोग की शुक्रवार की प्रेसवार्ता से पहले राज्य पुलिस सेवा के 76, परिवहन विभाग के 14, स्कूल शिक्षा विभाग के 32, नगरीय प्रशासन के 24, वित्त के 2 अफसरों का तबादला हुआ. तबादले के लिए पहली लिस्ट चुनाव आयोग की प्रेसवार्ता के तुरंत बाद जारी हुई, जबकि दूसरी लिस्ट शाम तक जारी की गई.


वहीं, चुनाव आयोग के प्रेसवार्ता के तुरंत बाद अधिकारियों के तबादले पर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमला बोला है. राज्य सरकार पर कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये तबादले विधानसभा उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए किए गए हैं. साथ ही कांग्रेस ने चुनाव में शिकायत कर इन तबादलों को निरस्त करने की मांग की है. 


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कांग्रेस का कहना है कि 29 सितंबर को चुनाव आयोग द्वारा उप चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही प्रदेश में चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी. इसलिए राज्य सरकार ने ऐसा किया है. वहीं, कांग्रेस के इस आरोप का बीजेपी नेता और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा अभी आचार संहिता प्रभावी नहीं हुई है, इसलिए अफसरों का तबदला किया जा सकता है.


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