MP Chunav: मध्य प्रदेश में एक तरफ विधानसभा चुनाव को लेकर सभी अंचलों में प्रचार तेज हैं, वहीं दूसरी तरफ मैहर विधानसभा सीट पर चुनाव के बीच बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. रामनगर नगर परिषद के अध्यक्ष और उनकी पत्नी की पार्षदी शून्य हो गई है. जिससे यहां बीजेपी के हाथ से अध्यक्ष पद फिलहाल जाता हूं दिख रहा है. यह फैसला मैहर जिला न्यायालय की तरफ से लिया गया है. 


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यह है पूरा मामला 


दरअसल, मामला नगर परिषद रामनगर का है जहां पर हुए 2022 नगर परिषद चुनाव में बीजेपी के नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता व पति राम सुशील पटेल ने नामांकन जमा करते समय शपथपक्ष में गलत जानकारी प्रदर्शित की थी. हालांकि चुनाव के बाद दोनों ने पार्षदी का चुनाव जीता था और अध्यक्ष सुनीता पटेल चुनी गई थी. लेकिन उनके शपथ पत्र को लेकर न्यायालय में एक याचिका डाली गई थी. 


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न्यायालय पर सुनवाई के दौरान आज प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश दीपक शर्मा जी की अदालत ने फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष सुनीता व उनके पति पार्षद राम सुशील पटेल का चुनाव शून्य कर दिया है,  जहां उनका पार्षद पद के साथ-साथ अध्यक्ष पद भी अब निरस्त हो चुका हैं, पति पत्नी के खिलाफ दो लोगों ने याचिका न्यायालय में अलग-अलग इसी मामले में लगाई गई थी उसमें न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया हैं. 


पार्षदी निरस्त 


बता दें कि फिलहाल न्यायालय का फैसला आने के बाद सुनीता व पति राम सुशील की पार्षदी निरस्त हो गई है. ऐसे में अब उनका अध्यक्ष पद स्वत ही चला गया है. ऐसे में यह चुनाव के बीच बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. फिलहाल मैहर में चुनाव प्रचार तेज हैं. मैहर विधानसभा सीट पर भी इस बार मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा है. यहां बीजेपी की तरफ से श्रीकांत चतुर्वेदी चुनाव लड़ रहे हैं, तो कांग्रेस की तरफ से धर्मेश घई और वर्तमान विधायक नारायण त्रिपाठी विंध्य जनता पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं. 


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