MP Assembly Election Voting: मध्य प्रदेश में वोटिंग की तैयारियां पूरी हो चुकी है. प्रदेश का मतदाता एक बार फिर राज्य में नई सरकार चुनने के लिए वोट करेगा. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटें 6 रीजन में बटी हुई है. जिसमें सबसे बड़ा रीजन मालवा निमाड़ है और सबसे छोटा बुंदेलखंड हैं. ऐसे में किस रीजन में कितनी सीटें आती है और वर्तमान में उन सीटों पर क्या स्थिति हैं, यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है. 


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मालवा-निमाड़ सबसे बड़ा अंचल 


मालवा-निमाड़ मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा अंचल हैं, इस जोन में विधानसभा की कुल 66 सीटें आती हैं. मालवा-निमाड़ ही सत्ता की चाबी होती है. फिलहाल यहां की 66 सीटों में से 33 सीटों पर बीजेपी और 30 सीटों पर कांग्रेस काबिज हैं. जबकि तीन सीटों पर निर्दलीयों को जीत मिली थी. मालवा निमाड़ में वोटिंग की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. 


महाकौशल दूसरा सबसे बड़ा रीजन 


मालवा-निमाड़ के बाद महाकौशल दूसरा सबसे बड़ा रीजन है. इस जोन में विधानसभा की 38 सीटें आती हैं. पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी. कांग्रेस को यहां 24 और बीजेपी को 13 सीटों पर जीत मिली थी. जबिक एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीता था. 


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मध्य भारत 


राजधानी भोपाल और उसके आसपास के जिलों का हिस्सा मध्य भारत अंचल कहा जाता है. इस अंचल में कुल 36 विधानसभा सीटें आती हैं. 2018 में यहां बीजेपी ने लीड किया था. बीजेपी को 36 में से 24 सीटें मिली थी, जबकि कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत मिली थी. राजधानी भोपाल में भी इस बार वोटिंग को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है. 


ग्वालियर-चंबल 


ग्वालियर-चंबल अंचल मध्य प्रदेश का चौथा सबसे बड़ा अंचल हैं, इस जोन में विधानसभा की 34 सीटें आती हैं. 2018 के चुनाव में यूं तो यहां कांग्रेस को बढ़त मिली थी. लेकिन सिंधिया के दलबदल के कारण सबसे ज्यादा उपचुनाव इसी रीजन में हुए थे. फिलहाल यहां की 34 सीटों में से 16 पर बीजेपी और 17 पर कांग्रेस हैं, जबकि एक सीट बसपा के पास हैं. 


विंध्य 


विंध्य अंचल सूबे का पांचवा सबसे बड़ा अंचल हैं. इस जोन में विधानसभा की 30 सीटें आती हैं, जहां 2018 में बीजेपी ने एक तरफा जीत हासिल की थी. विंध्य की 30 सीटों में से 24 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी, जबकि 6 सीटों पर कांग्रेस जीती थी. 


बुंदेलखंड 


मध्य प्रदेश का सबसे छोटा अंचल बुंदेलखंड माना जाता है. इस जोन में विधानसभा की 26 सीटें आती है. 2018 में यहां बीजेपी को बढ़त मिली थी. बीजेपी ने 26 में से 16 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को केवल 6 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि दो सीटों पर दूसरी पार्टियां जीती थी. 


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