Madhya Pradesh Election: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके है, बीजेपी ने जोरदारर वापसी करते हुए 163 विधानसभा सीटें जीती हैं. ऐसे में 16वीं विधानसभा में बीजेपी की सरकार बनना तय हैं. वहीं विधानसभा सचिवालय ने नई विधानसभा के गठन की तैयारियां शुरू कर दी है. जिसमें सबसे बड़ा सवाल प्रोटेम स्पीकर का है. मध्य प्रदेश में इस बार कई सीनियर विधायक चुनाव जीते हैं, जिन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया जा सकता है. जानिए इस बार प्रोटेम स्पीकर के दावेदारों में कौन-कौन से नेता शामिल हैं. 


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क्या होता है प्रोटेम स्पीकर 


दरअसल, विधानसभा के गठन में सबसे ज्यादा जरुरत प्रोटेम स्पीकर की होती है. आम तौर पर प्रोटेम स्पीकर सबसे ज्यादा सीनियर विधायकों को बनाया जाता है. प्रोटेम स्पीकर को पहले राज्यपाल शपथ दिलाते हैं. लेकिन प्रोटेम स्पीकर पद पर कुछ समय के लिए कार्य करता है. यह अस्थायी होता है. इनकी नियुक्ति तब तक के लिए होती है, जब तक स्‍थायी विधानसभा अध्‍यक्ष ना चुन लिया जाए. प्रोटेम स्पीकर ही नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ दिलाता है. शपथ ग्रहण का पूरा कार्यक्रम प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में होता है, ऐसे में प्रोटेम स्पीकर के नाम के लिए कई विधायकों की चर्चा शुरू हो गई हैं, जो प्रदेश में चुने हुए 230 नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे.  


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ये विधायक माने जा रहे प्रबल दावेदार 


  • गोपाल भार्गव-सागर जिले की रहली विधानसभा सीट से 9वीं बार विधायक चुने गए. 

  • विजय  शाह-खंडवा जिले की हरसूद विधानसभा सीट से 8वीं बार विधायक चुने गए. 

  • जयंत मलैया-दमोह विधानसभा सीट से 8वीं बार विधायक चुने गए हैं. 

  • जगदीश देवड़ा- मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ विधानसभा सीट से 7वीं बार विधायक चुने गए हैं. 

  • कैलाश विजयवर्गीय-इंदौर-1 विधानसभा सीट से 7वीं बार विधायक चुने गए हैं. 

  • गिरीश गौतम-देवतालाब विधानसभा सीट से 5वीं बार विधायक बने (वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष हैं) 

  • सीताशरण शर्मा-होशंगाबाद सीट से 6वीं बार विधायक चुने गए हैं. (14वीं विधानसभा में अध्यक्ष रह चुके हैं) 


सीनियर विधायक को बनाया जाता है प्रोटेम स्पीकर 


बीजेपी के ये सभी विधायक प्रोटेम स्पीकर पद के दावेदार माने जा रहे हैं, माना जा रहा है कि इन्ही में से किसी एक और प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी मिल सकती है. क्योंकि वर्तमान विधानसभा में यह सबसे सीनियर विधायक हैं. क्योंकि प्रोटेम स्पीकर उसे ही बनाया जाता है, जो कई बार विधानसभा चुनाव जीत चुका हो. भारत के संविधान के अनुच्छेद 180 के तहत राज्यपाल के पास सदन का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने की शक्ति होती है. 


क्या होते हैं प्रोटेम स्पीर के काम 


  • नए विधायकों को शपथ दिलाना 

  • विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव कराना 

  • प्लोर टेस्ट कराने का काम करना 

  • जब तक स्थायी अध्यक्ष का चयन नहीं होता तब तक सदन की गतिविधियों को संचालित करना 


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