Neutron Stars Colliding Explosion: पांच साल पहले वैज्ञानिकों ने पहली बार दो न्यूट्रॉन तारों को आपस में टकराते हुए देखा. अब पता चला है कि जब न्यूट्रॉन तारों की टक्कर होती है तो मिनी बिग बैंग जैसा धमाका होता है.
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Science News: जब दो न्यूट्रॉन तारे आपस में टकराते हैं तो छोटा, लेकिन बेहद चमकदार प्रकाश का विस्फोट होता है. इस चमकीले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को 'किलोनोवा' कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने 2017 में दो न्यूट्रॉन तारों की टक्कर को पहली बार देखा. उन दोनों तारों के विलय से एक ब्लैक होल बना और किलोनोवा विस्फोट हुआ जिसे AT2017gfo कहते हैं. उस घटना पर रिसर्च से अब वैज्ञानिकों को पता चला है कि शुरुआती किलोनोवा अत्यधिक गर्म होता था, अरबों डिग्री, जो बिग बैंग की गर्मी के बराबर है. तब मूल कण मुक्त रूप से घूम पाते हैं लेकिन किलोनोवा के विस्तार और ठंडा होने के साथ परमाणु बनने लगे. यह प्रक्रिया काफी कुछ बिग बैंग जैसी ही है.
न्यूट्रॉन तारों की टक्कर से बनती हैं बिग बैंग जैसी परिस्थितियां
रिसर्च के मुताबिक, शुरुआती किलोनोवा के इस गर्म, प्लाज्मा से भरे वातावरण में, इलेक्ट्रॉन जैसे प्राथमिक कण स्वतंत्र रूप से, बिना किसी बंधन के इधर-उधर घूम सकते हैं. जैसे-जैसे किलोनोवा फैलता है और ठंडा होता है, कण एक-दूसरे को पकड़ लेते हैं और परमाणु बन जाते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ब्रह्मांड के इतिहास में शुरुआती दौर के समान है जिसे Epoch of Recombination के रूप में जाना जाता है.
कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के नील्स बोर इंस्टीट्यूट में एस्ट्रोफिजिसिस्ट, अल्बर्ट स्नेप्पेन ने कहा कि यह एक ऐसी घटना है जो बिग बैंग की तरह ही विकसित हुई. जिसमें कणों का एक गर्म सूप बना जो ठंडा होकर पदार्थ में परिवर्तित हो गया.
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किलोनोवा: मिनी बिग बैंग जैसी घटना
स्नेप्पेन और उनकी टीम ने AT2017gfo से जुड़े तमाम टेलीस्कोप के डेटा का एनालिसिस किया. एक दिलचस्प बात जो दिखी, वह थी भारी तत्वों का बनना. बहुत सारे तत्व तारों के अंदर बनते हैं, जहां कोर फ्यूजन प्रक्रियाएं परमाणुओं को आपस में टकराकर भारी तत्व बनाती हैं. लेकिन तारे लोहे से भारी तत्वों को नहीं बना सकते, क्योंकि उसमें लगने वाली ऊर्जा फ्यूजन से निकलने वाली ऊर्जा से ज्यादा होती है.
लोहे से भारी तत्व बनाने के लिए और अधिक ऊर्जा वाली घटना की जरूरत पड़ती है, जैसे कि सुपरनोवा विस्फोट. AT2017gfo ने वैज्ञानिकों को दिखाया कि न्यूट्रॉन तारों में होने वाले किलोनोवा भारी तत्वों की फैक्ट्रियां हैं. विस्फोट के दौरान, एस्ट्रोनॉमर्स को स्ट्रोंटियम के संकेत मिले.
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रिसर्चर्स ने उस किलोनोवा का घंटे-दर-घंटे विकास होते देखा. उन्होंने कहा कि न्यूट्रॉन तारे किलोनोवा में देखी गई संयोजन प्रक्रिया, हमारे विचार से पुनर्संयोजन युग के दौरान हुई प्रक्रिया से बहुत मिलती-जुलती है. इससे पता चलता है कि किलोनोवा, छोटे रूप में, प्रारंभिक ब्रह्मांड के विकास की जांच के लिए एक शक्तिशाली लैब हो सकते हैं. यह रिसर्च Astronomy & Astrophysics जर्नल में छपी है.