2024 में BJP के लिए कैसे बड़ा चेहरा साबित हो सकती हैं रेणुका सिंह, जानिए क्यों भाजपा लगा सकती है दांव
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2024 में BJP के लिए कैसे बड़ा चेहरा साबित हो सकती हैं रेणुका सिंह, जानिए क्यों भाजपा लगा सकती है दांव

Renuka Singh: छत्तीसगढ़ में केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह का नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहा है, जिसकी कई बड़ी वजहें अब सामने आ रही हैं. 

रेणुका सिंह को सीएम बना सकती है बीजेपी

Renuka Singh Big CM Face: छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जोरदार वापसी करके 2018 का हिसाब 2023 में बराबर कर दिया. राज्य की 90 में से 54 सीटें जीतकर भाजपा फिर सरकार बनाने जा रही है, लेकिन इस सरकार की अगुवाई कौन करेगा फिलहाल यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है. जिसके लिए सबसे ज्यादा एक नाम की चर्चा हो रही है वह केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह का है जो भरतपुर-सोनहत विधानसभा चुनाव जीती हैं. रेणुका सिंह के पक्ष इस बार कुछ बातें ऐसी जा रही हैं जो बीजेपी की भविष्य की राजनीति में बिल्कुल फिट बैठ रही हैं, ऐसे में उनका दावा फिलहाल सबसे मजबूत नजर आ रहा है. 

सबसे ज्यादा क्यों हैं रेणुका सिंह के चांस 

दरअसल, रेणुका सिंह के लिए जो दो बातें सबसे ज्यादा मुफीद हैं वह उनका आदिवासी वर्ग से आना और महिला प्रत्याशी के तौर पर बड़ी जीत हासिल करना. देश में फिलहाल बीजेपी कई राज्यों में शासन कर रही है, लेकिन किसी भी राज्य में बीजेपी के पास महिला मुख्यमंत्री नहीं हैं, ऐसे में रेणुका सिंह को सीएम बनाकर बीजेपी एक तीर से दो निशाने साध सकती है. यानि एक तरफ महिला चेहरा और दूसरी तरफ आदिवासी वर्ग पर फोकस जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है. 

2024 में होगा फायदा ? 

रेणुका सिंह 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं, छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने दो बड़ी कामयाबी हासिल की हैं, पहली कांग्रेस को सरकार से बेदखल किया और दूसरी राज्य में अपना खोया हुआ वोटबैंक यानि आदिवासी वर्ग एक बार साथ किया. जिसमें रेणुका सिंह का बड़ा योगदान माना जा रहा है. विधानसभा चुनाव में उनके नाम का ऐलान होते ही आदिवासी वर्ग बीजेपी की तरफ फिर से मुड़ा. ऐसे में अगर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो बीजेपी यह मैसेज देने में सफल होगी कि महिला प्राथमिकता के साथ-साथ आदिवासी वर्ग उनके लिए सबसे आगे चल रहा है. द्रोपदी मुर्मू को बतौर राष्ट्रपति बनाकर बीजेपी यह मैसेज पहले ही दे चुकी है. ऐसे में 2024 में वह बड़ा कार्ड भाजपा के लिए साबित हो सकती हैं. 

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रेणुका सिंह का मजबूत पक्ष 

  • सीनियर महिला आदिवासी नेता, तेजतर्रार छवि का फायदा. 
  • अपनी जीत के साथ सरगुजा-बस्तर संभाग में बीजेपी को जीत दिलाने में अहम भूमिका. 
  • 2003 से ही बड़े पदों पर रहने से राजनीतिक अनुभव का लाभ और शासन चलाने की क्षमता. 
  • छत्तीसगढ़ के ST समाज में गहरी पैठ, महिलाओं के बीच क्रेज. 
  • पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की करीबी होने का मिल सकता है फायदा. 

रेणुका सिंह के जरिए बड़ा मैसेज दे सकती है BJP 

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि  बीजेपी की कोर पॉलिटिक्स में महिलाएं प्राथमिकता पर हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बघेल सरकार के खिलाफ इस मुद्दे को जमकर भुनाया. बीजेपी ने बघेल सरकार पर महिलाओं को प्राथमिकता न देने का आरोप लगाते हुए 'महतारी वंदन स्कीम' का जोरशोर से प्रचार किया. ऐसे में रेणुका सिंह को सीएम बनाकर बीजेपी न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में बड़ा मैसेज देने की कोशिश करेगी कि नारी शक्ति बीजेपी की पहली प्राथमिकता है. जिसके जरिए आने वाले लोकसभा चुनाव के साथ-साथ दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी यह फॉर्मूला काम कर सकता है. 

रमन सिंह का मिल सकता है समर्थन 

राजनीतिक पंडितों का एक और दावा है कि भले ही छत्तीसगढ़ में बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने इस बार पूरा जोर लगाया है. लेकिन 15 साल तक राज्य की सत्ता संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आज भी छत्तीसगढ़ की सियासत में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे हैं, अगर बीजेपी उनकी जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाती है तो उसे रमन सिंह का समर्थन मिलना जरूरी है. इस फॉर्मूले में भी रेणुका सिंह फिट बैठती नजर आ रही हैं. क्योंकि वह रमन सिंह की करीबी मानी जाती हैं और उनकी सरकार में मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी हैं. सियासी गलियारों में तो यह भी बात तेजी से चल रही है कि डॉ. रमन सिंह ने सांसद और विधायक रेणुका सिंह का नाम आगे किया है. हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. 

ऐसा है रेणुका सिंह का राजनीतिक करियर 

बात अगर रेणुका सिंह के राजनीतिक करियर की जाए तो वह कोरिया जिले से आती हैं. उन्होंने बीजेपी से जुड़कर पहला चुनाव जिला पंचायत के सदस्य के तौर पर जीता था. इसके बाद उन्होंने बीजेपी महिला मोर्चा का मंत्री बनाया गया था. 2003 में प्रेमनगर विधानसभा सीट से पहला चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची और 2008 में फिर से विधायक बनने के बाद रमन सरकार में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाली. 2019 में सरगुजा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर मोदी सरकार में अनुसूचित जनजाति विकास राज्य मंत्री बनी और 2023 में भरतपुर सोनहत सीट से फिर से विधायक चुनी गई हैं. 

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