भोपालः 51 दिन की लंबी-भागदौड़ और 74 लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा है 58 साल का मनीराम सेन, आखिर कौन है? आपको बता दें कि मनीराम सेन जुर्म की दुनिया का वह शख्स है जिसके लिए सीरियल किलर शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. सीरियल किलर शब्द का इस्तेमाल 1966 में ब्रिटिश लेखक जॉन ब्रोडी ने सबसे पहले किया था. जिसका अर्थ होता है अगर मानसिक विकृति से पीड़ित कोई शख्स अपनी आत्मसंतुष्टि के लिए किसी की हत्या करता है तो वह सीरियल किलर कहलाता है. मनीराम भी कुछ ऐसा ही कर रहा था. लेकिन मनीराम के सीरियल किलर बनने की कहानी आपको हैरान कर सकती है. 


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मनीराम ने हाल ही में भोपाल में आदिल नाम के एक युवक की हत्या की थी. जिसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में थी. पुलिस ने मनीराम को सागर जिले के राहतगढ़ से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जब मनीराम से पूछताछ शुरू हुई, तो पुलिस का सामना एक ऐसे हत्यारें से हुआ जो सिर्फ तंत्र-मंत्र के लिए लोगों को मौत के घाट उतार देता था. पुलिस भी एक पल के लिए हैरान रह गयी, क्योंकि वह जानना चाहती थी कि शक्ल से बेहद साधारण दिखने वाला मनीराम को आखिर ऐसी क्या सनक चढ़ी थी कि उसे लोगों की हत्या करने के बाद ही सुकून मिलता था. इसका खुलासा भी मनीराम ने ही किया. मनीराम ने पुलिस को बताया कि वह कहने को तो वह बेहद सादगी की जिंदगी जी रहा था. लेकिन एक शब्द अंदर-ही-अंदर उसे बेहद परेशान करता था. यह शब्द था तंत्र-मंत्र. 


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तंत्र-मंत्र ने बनाया शैतान 
मनीराम ने आगे बताया जब भी कोई उसके सामने तंत्र-मंत्र की बात करता तो वह बेहद उत्सुक हो जाता, जब सुनता कि किसी तांत्रिक ने अपना काम पूरा करने के लिए किसी को बरगलाकर उसकी हत्या कर दी. तो मनीराम इस सोच में पड़ जाता कि आखिर तंत्र-मंत्र में ऐसा क्या रहता है कि इंसान की हत्या तक कर दी जाती है. मनीराम के अंदर चल रहा तंत्र-मंत्र का यह अंतरद्वंद उसे ऐसे जुर्म की तरफ ले जा रहा था जिसके बारे में अंदाजा लगाना भी मुश्किल था. 


इस तरह शुरू किया मनीराम ने खूनी खेल 
मनीराम अब दो तरह की जिंदगी जी रहा था, जिसमें पहली जिंदगी बेहद साधारण इंसान वाली और गृहस्थ मनीराम की थी. लेकिन दूसरी जिंदगी में वह अकेलेपन में तंत्र-मंत्र के बारे में ही सोचता रहता था. इसी दौरान मनीराम ने विदिशा जिले के मनोरा गांव में रहने वाले सन्नो हरिजन से 1 लाख रुपए नगद लिए. मनीराम ने बताया कि कुछ दिनों बाद जब सन्नो हरिजन ने उससे पैसे मांगने शुरू किए तो उसे तंत्र-मंत्र की वही कहानी याद आ गयी. जिसमें तांत्रिक लोगों को बरगलाकर मार देता है. तंत्र-मंत्र की सनक मनीराम पर कुछ इस तरह सवार थी कि उसने खौफनाक साजिश रची. 


एक बाद एक 5 लोगों को उतारा था मौत के घाट 
7 जुलाई 2000 का दिन सन्नो हरिजन और उसके परिवार के लिए आम दिनों की तरह ही था. उन्हें पता भी नहीं था कि उनके साथ क्या होने वाला है. पुलिस के अनुसार मनीराम उस दिन सन्नो के पास पहुंचा. उसने सन्नो को बताया कि उसे जंगल में एक खजाना मिला है, इस खजाने में वह सन्नो को भी हकदार बनाना चाहता है. सन्नो, मनीराम के जाल में फंस गया. मनीराम ने उससे रात में पूरे परिवार के साथ जंगल में चलना पड़ेगा. लालच के चलते वह अपने पूरे परिवार के साथ जंगल में पहुंचा. 


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शुरू हुआ तंत्र-मंत्र का खेल 
मनीराम ने सन्नो, उसकी पत्नी सड़ी बाई, भाई कल्लू उसकी पत्नी सुमित्रा और भांजे की पत्नी रामकली को गड्ढे के सामने खड़ा कर दिया. सभी के हाथों में लाल कलर का एक-एक कलावा बांध दिया. मनीराम ने पांचों से कहा कि वे आंखे बंद करके इस गड्ढे के चक्कर लगाए, जैसे ही पांचों ने आंखे बंद करके चक्कर लगाने शुरू किए तो मनीराम ने एक बाद एक गैती से सभी के सिर पर वार किया. गेती का प्रहार इतना गहरा था कि मौके पर ही पांचों की मौत हो गयी. हत्या के बाद मनीराम ने पांचों को गड्ढें में दफना दिया. मनीराम ने बताया कि इस काम के बाद उसे पहली बार एक अनोखी तरह का सुकून मिला. जैसे कोई बहुत बड़ा काम पूरा हो गया हो. पुलिस को एक महीनें बाद इन पांचों लोगों के कंकाल मिले थे. 


आजीवन कारावास काटने के बाद भी नहीं बदला मनीराम 
इस घटना के बाद मनीराम करीब डेढ़ साल तक फरार रहा. हालांकि बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसे आजीवन कारावास की सजा हुई. 2017 में वह जेल से छूटा था. लेकिन तंत्र-मंत्र की जो सनक उसे चढ़ी थी वह इतने साल की सजा काटने के बाद भी पूरी नहीं हुई. पांच लोगों की हत्या के बाद भी मनीराम खुद को तांत्रिक मानने लगा था, यहां तक की उसने परिवार से भी दूरी बना ली. ना पत्नी से मतलब और न बेटों से कोई सरोकार.  


मनीराम एक ऐसी दुनिया में जीने लगा जिसके बारे में सोचना भी मुश्किल माना जाता है. वह इंसानों से दूर जंगलों में रहने लगा. इस दौरान वह कई बार घर भी जाता लेकिन उसका घर पर मन नहीं लगता और वह फिर जंगल में आ जाता था. मनीराम ने बताया कि वह मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता था. क्योंकि उसे किसी ने बताया था कि मोबाइल इस्तेमाल करने से जल्दी पकड़े जाते हैं. 


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17 साल के आदिल को भी मारा 
पुलिस ने मनीराम के दिमाग पर हर वक्त हत्या की सनक चढ़ी रहती थी. लॉकडाउन के बाद जब वह घर पहुंचा तो उसने पास में रहने वाले आदिल नाम के लड़के को तंत्र-मंत्र की कहानी में उलझाया. आदिल उसके झांसे में आ गया और उसने मनीराम को 17 हजार रुपए उधार दे दिए. लेकिन जब आदिल ने मनीराम से पैसे मांगने शुरू किए तो मनीराम ने आदिल को भी जंगल में ले जाकर मार दिया, इस घटना के बाद पुलिस ने फिर से उसकी तलाश शुरू की और उसे सागर के पास राहतगढ़ से पकड़ा है. 


भागना चाहता था छत्तीसगढ़ 
मनीराम ने पुलिस को बताया कि वह छत्तीसगढ़ भागना चाहता था. राजनांदगांव जिले के जंगलों में उसका एक परिचित उसे अपने पास बुला रहा था. उसने बताया कि वह जेल से छूटने बाद अपने परिवार के पास बहुत कम रहा है. इस दौरान वह इंसानों से दूर उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के जंगलों में भी रहा. पुलिस 8 जनवरी को मनीराम को कोर्ट में पेश करेगी.


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