पटना के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र में एक ''मुर्दा'' खुद के अंतिम संस्कार के लिए पैसा निकालने बैंक पहुंचा तो बैंककर्मी भी हैरान रह गए. पढ़िए पूरी खबर....
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नई दिल्ली: कई बार हम ऐसा सुनते या देखते हैं, जिस पर यकीन करना मुश्किल होता है. अगर आपसे कहा जाएगा कि एक ''मुर्दा'' पैसा निकाले बैंक पहुंचा है, तो शायद आप यकीन नहीं करेगे, लेकिन ऐसा सच में हुआ है. ये घटना बिहार के पटना में घटित हुई है. यहां एक ''मुर्दा'' खुद के अंतिम संस्कार के लिए पैसा निकालने बैंक पहुंच गया.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, ये पूरा मामला शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के सिगरियावा गांव का है. गांव के महेश यादव की मौत हो चुकी है. अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों ने बैंक जाकर उसके खाते में जमा पैसा मांगा तो बैंक अधिकारियों ने पैसे देने से मना कर दिया. इसके बाद ग्रामीण निराश होकर गांव लौट गए.
जब बैंक पहुंचा मुर्दा
ग्रामीणों ने आपस में बात की और महेश यादव का अंतिम संस्कार करने के लिए वे उसकी लाश लेकर बैंक पहुंच गए. ग्रामीणों की इस हरकत को देख बैंककर्मी और मौके पर मौजूद लोग हैरान रह गए.
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तीन घंटे रखी रही लाश
ग्रामीण करीब 3 घंटे तक महेश का शव बैंक में रखे रहे. लंबे समय तक चली बातचीत के बाद बैंक मैनेजर ने 10 हजार रुपए देकर मामले को शांत कराया. बाद में ग्रामीण शव लेकर गांव वापस लौटे और श्मशान ले जाकर महेश यादव का अंतिम संस्कार किया.
क्यों किया गया ऐसा
दरअसल, महेश यादव परिवार में अकेले थे, उनकी उम्र 55 साल थी. उनकी शादी भी नहीं हुई थी. कैनरा बैंक में उनके खाते में 1.18 लाख रुपए जमा हैं. बैंक खाते का कोई नॉमिनी भी नहीं है. इसी वजह से बैंककर्मी ग्रामीणों को पैसा देने से मना कर रहे थे. यही वजह रही कि ग्रामीणों को मजबूरन शव लेकर बैंक जाना पड़ा ताकि शव का अंतिम संस्कार किया जा सके.
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