Jabalpur High Court On Union Carbide Toxic Waste case: यूनियन कार्बाइड के ज़हरीले कचरे के विनिष्टीकरण का मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में है. इसपर सोमवार को सुनवाई होना थी.  HC चीफ जस्टिस की बेंच में सुनवाई पूरी कर अगली तारीख दी है.  HC ने 6 सप्ताह बाद मामले की अगली सुनवाई की तारीख दी. सुनवाई के दौरान सरकार ने हलफनामा पेश किया. इस दौरान गलत  पब्लिसिटी और फेक मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर पीथमपुर में हंगामा हुआ, इसकी जानकारी दी. इसके बाद मोहन यादव की सरकार ने HC से कचरे के विनिष्टीकरण के लिए और समय की मांग की. साथ ही कंटेनर्स में भरे कचरे को अनलोड करने अनुमति भी मांगी गई.  


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मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से रखी दलील में कहा गया कि इस तरह कंटेनर में जहरीला कचरा ज्यादा दिन नहीं रखा जा सकता है. इसपर HC ने सरकार को सावधानीपूर्वक और पूर्व निर्देशों के तहत कंटेनर से कचरे को अनलोड करने निर्देश दे दिए. सुनवाई के दौरान याचिका कर्ताओं में से एक नमन नागरथ की मांग थी कि मामले में गठित हाई लेवल कमिटी को पहले जांच रिपोर्ट पेश करने दी जाए. ये भोपाल गैस कांड का 11 मिलियन मीट्रिक टन जहरीला कचरा है.  अभी सिर्फ 337 टन कचरा ही पीथमपुर गया है. पूरी सुनवाई के बाद कोर्ट ने  मामले की अगली सुनवाई की तारीख 18 फरवरी दी. 


यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाने को लेकर मामला बढ़ चुका है. पीथमपुर में 3 दिन से हिंसक प्रदर्शन चल रहा है और इसपर इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है, जो बाद में जबलपुर हाईकोर्ट में भेज दी गई. इसपर अब 18 फरवरी को सुनवाई होगी. याचिका इंदौर की एमजीएम एलुमनाई एसोसिएशन ने इंदौर खंडपीठ में दायर की थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव धनओटकर ने मीडिया को कहा सरकार ने इंदौर और पीथमपुर की जनता को भरोसे में लिए बिना एकतरफा फैसला लिया. इंदौर से पीथमपुर की दूरी सिर्फ 30 किलोमीटर है. ऐसे में अगर 358 मीट्रिक टन जहरीला कचरा यहां रखा जाता है तो दोनों शहरों की जनता के लिए रिस्क होगी.