भोपाल: दो दिन पहले छतरपुर जिले के किसान ने अत्यधिक बिजली बिल आने के बाद विभाग की कार्रवाई से परेशान होकर खुदकुशी कर ली थी. आत्महत्या के इस मामले को कांग्रेस ने प्रदेश के लिए अति शर्मनाक बताया है. पार्टी की ओर से कहा गया कि खराब फसलों के बाद अब अत्यधिक बिजली बिल से किसान का आत्महत्या करना राज्य और सरकार के लिए शर्मनाक है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ेंः- अनोखा स्वागतः होटल की DJ पार्टी नहीं, मंदिर के भक्ति गीतों से कहा साल 2020 को अलविदा


गुप्ता ने सुसाइड नोट का जिक्र करते हुए कहा कि किसान ने अपने चार पेज के नोट में लिखा था कि उसकी लाश शासन को सौंपी जाएं, जिसके अंग बेचकर सरकार बिजली बिल की भरपाई कर लें.


87 हजार रुपये आया था किसान का बिजली बिल
जिले के मातगुवां गांव में किसान मुनेंद्र राजपूत ने फांसी लगाई थी. किसान पर आटा चक्की का 87 हजार रुपये बिजली बिल बकाया होने पर बिजली कंपनी ने सामान समेत मोटरसाइकिल कुर्की की कार्रवाई की थी. घटनास्थल से 4 पेज का सुसाइड नोट मिला जिसमें लिखा था कि मेरा शरीर सरकार को सौंप दिया जाए. वह मेरे शरीर का एक-एक अंग बेचकर कर्ज चुका दे. लॉकडाउन में काम ठप्प हुआ, भैंस की करंट से मौत हो गई, 3 भैंस चोरी हो गई. खेती से भी आमदनी नहीं हो सकीं. ऐसे में बिल का पैसा कहां से चुकाता.


यह भी पढ़ेंः- खुशखबरी लेकर आया नया साल, कोरोना वैक्सीन ‘Covishield’ को भारत में इमरजेंसी यूज की मंजूरी!


प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए लिखा कि वह एक आम नागरिक है, जब से होश संभाला है, तब से आपकी पार्टी का तन, मन, धन यहां तक कि पार्टी के लिए जान भी देने के लिए हमेशा तैयार था. परिजनों का कहना है कि बिजली कंपनी के अधिकारियों ने किसान मुनेंद्र को प्रताड़ित किया और उसकी बेइज्जती की, जिसकी वजह से उसने अपनी जान दे दी. मुनेंद्र के परिवार में पत्नी बिनोवा, व उसकी 3 बेटियां और एक बेटा है.


यह भी पढ़ेंः- शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार 3 जनवरी को, जानिए किन नेताओं को मिल सकता है मंत्री पद


यह भी पढ़ेंः-Bank Holiday 2021: जनवरी में 16 दिन बंद रहेंगे बैंक, यहां देखें पूरी लिस्ट


यह भी पढ़ेंः-मिसाल: 21 साल से अस्पताल में हर दिन बांट रहे पौष्टिक आहार, अबतक बांट चुके हैं 200 टन से ज्यादा


WATCH LIVE TV